रिहायशी क्षेत्रों में विस्फोटक लगाने की जांच करें डीएम:  अल्मोड़ा

नैनीताल। हाईकोर्ट ने अल्मोड़ा जिले के ग्राम नौला मासी में जंगली जानवरों को मारने के लिए रिहायशी क्षेत्र में लगाए जा रहे विस्फोटों से हो रही पालतू जानवरों की मौत और ग्रामीणों पर मंडरा रहे खतरे के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए जिलाधिकारी अल्मोड़ा को आदेश दिए हैं कि मामले की जांच कर कार्रवाई करें। मामले के अनुसार पूर्व ग्राम प्रधान मुन्नी देवी निवासी जैठखोला नौला मासी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि बिना किसी पूर्व सूचना के अल्मोड़ा जिले के ग्राम नौला में रिहायशी क्षेत्रों में जंगली जानवरों को मारने के लिए विस्फोटक लगाए जा रहे हैं। इसकी चपेट में आने से उनके पालतू जानवरों की मौत होने के साथ ग्रामीणों पर खतरा मंडरा रहा है। इस तरह से रिहायशी क्षेत्रों में विस्फोटक लगाना कानूनन अपराध है। ग्रामीणों व उनके जानवरों की सुरक्षा के दृष्टिगत रिहायशी क्षेत्रों में विस्फोटक लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। याचिका में यह भी बताया कि जब वह अपने पालतू कुत्ते को रोज की भांति घुमाने खेतों में गईं तो कुत्ते ने आटे के साथ मिलाए हुए विस्फोटक पदार्थ को खा लिया। कुत्ते ने जैसे ही उसे चबाया तो धमाके के साथ उसके चीथड़े उड़ गए और वह खुद बाल-बाल बचीं । जब इसकी शिकायत उन्होंने तहसीलदार भिकियासैंण से की तो उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। मामले में कोर्ट ने बुधवार को डीएम अल्मोड़ा को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।।

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