वर्ष 2022 को आधार वर्ष मानकर की जाए बांध प्रभावित परिवारों की गणना

विकासनगर। लखवाड़ बांध प्रभावित क्षेत्र (अनुसूचित जाति, जनजाति) जन कल्याण समिति की रविवार को लखवाड़ मंदिर प्रांगण में बैठक हुई। इसमें बार बार टेंडर प्रक्रिया को आगे किए जाने पर ग्रामीणों ने सख्त नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने कहा कि इस बार टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो उत्तराखंड जल विद्युत निगम के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान ने कहा कि शासन को बांध प्रभावित परिवारों की गणना वर्ष 2022 को आधार वर्ष रख कर करनी चाहिए, जिससे प्रत्येक परिवार को उचित मुआवजा मिल सके। उन्होंने कहा कि व्यासी बांध प्रभावितों को वर्ष 2016 में ही पूरा मुआवजा दे दिया गया था, जबकि लखवाड़ बांध प्रभावितों को अभी तक अनुग्रह राशि भी नहीं मिली है। बांध निर्माण कार्य शुरू किए जाने से पहले प्रभावितों को सभी देयकों का भुगतान और पूर्ण प्रभावित गांवों का विस्थापन किया जाना जरूरी है। कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम अभी तक 18 बार टेंडर की तिथि को संशोधित कर दिया है। जिससे निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। इस बार टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर ग्रामीण यूजेवीएनएल के खिलाफ आंदोलन शुरूकर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने वर्ग चार की भूमि और शेष नई भूमि अर्जन करने की मांग भी प्रशासन के सामने रखी। इस दौरान स्वराज सिंह तोमर, भगत सिंह रावत, शूरवीर सिंह, चमन सिंह, मेहर सिंह, लुदर सिंह, गोवर्धन सिंह, विक्रम सिंह, खजान सिंह तोमर, गुमान सिंह, श्याम दत्त, मायाराम उनियाल, खुशीराम आदि मौजूद रहे।

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