शहीद संजय को अंतिम विदाई देने पहुंचा ग्रामीणों का जन सैलाब

नैनीताल

जम्मू कश्मीर के राजौरी में बुधवार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए रातीघाट नैनीताल के सेना पैरा कमांडो संजय बिष्ट की सैन्य सम्मान के साथ शव यात्रा निकाली गई। सेना के अधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन तथा ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर शहीद संजय को अंतिम विदाई दी। शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने संजय की शहादत पर भारत माता की जय के नारे लगाए तो वहीं गमगीन माहौल में लोगों की आंखें भी छलक पड़ी। बता दें कि सेना की नाइन पैरा कंपनी में तैनात संजय बिष्ट (28) पुत्र देवेंद्र सिंह बिष्ट निवासी ग्राम हली, रातीघाट आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हो गए थे। गुरुवार तड़के उनके परिजनों को सेना की ओर से फोन पर सूचना दी गई। इसके बाद से ही यहां लोगों का एकत्रित होना शुरू हो गया। शुक्रवार सुबह से ही लोग शहीद संजय के पार्थिव शरीर के इंतजार में उनके घर पर बैठे रहे। हजारों की तादाद में पहुंचे लोगों ने जवान की शहादत में भारत माता के जयकारे भी लगाए। सुबह करीब 11 बजे शहीद का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से सैनिक स्कूल घोड़ाखाल लाया गया। जिसके बाद आर्मी बैंड तथा देशभक्ति के बीच आर्मी अधिकारियों की मौजूदगी में संजय का शव उसके पैतृक गांव हली, रातीघाट पहुंचा। इस दौरान शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए यहां लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा। सेना, जिला प्रशासन के साथ ही आसपास के गांवों के लोग जुट गए। लोगों ने भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा संजय तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए। माहौल का आलम यह था कि छोटे बच्चे से लेकर हर किसी की पलकें संजय को देख छलक उठीं। कलेजे के टुकड़े को तिरंगे में लिपटा देख मां मंजू बिष्ट का सीना मानो फट सा गया। ग्रामीण महिलाओं और रिश्तेदारों ने संजय की मां को बमुश्किल संभाला और अंतिम विदाई के लिए मनाया। सेना के अफसरों ने फूल मालाओं से उन्हें श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद अंत्येष्टि के लिए शव को घर से रातीघाट के शिप्रा, जाख नदी के संगम ले जाया गया। जहां सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर के बाद अंत्येष्टि की प्रक्रिया शुरू की। शहीद संजय के भाई नीरज बिष्ट ने भाई के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।

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