जेल कार्मिकों और कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने को कार्ययोजना बनाने की तैयारी

देहरादून। प्रदेश सरकार अब जेल कार्मिकों और कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए कार्ययोजना बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहान्स) द्वारा तैयार हैंडबुक की मदद ली जा रही है। कोरोना काल के दौरान जेल और अन्य सुधार गृहों पर खासा असर पड़ा है। यहां जेल प्रशासन व संबंधित विभागों को कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। देखने में आया है कि जेल में कैदियों को अवसाद व तनाव का सामना करना पड़ा है। इन्हें खुद को बचाने के साथ ही स्वजन की चिंता भी लगी रही। इससे उनका मानसिक स्वास्थ काफी प्रभावित हुआ। वहीं, कार्मिकों ने भी कोरोना काल में काफी तनाव में काम किया। उन्हें कैदियों पर नजर रखने के साथ ही संक्रमण से स्वयं के साथ ही स्वजन को बचाने की चिंता भी रही। इस दौरान उपजे माहौल के कारण उन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने निमहान्स के साथ मिलकर जेल कार्मिकों व कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक गाइडलाइन तैयार करने का अनुरोध किया। निमहान्स ने अब दो हैंडबुक तैयार की हैं। इसमें कैदियों व कार्मिकों को तनाव व अवसाद से बाहर निकालने के लिए उपाय सुझाए गए हैं। ये हैंडबुक सभी राज्यों को भेजी गई हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे हैंडबुक में दी गई गाइडलाइन को अपने यहां उपयोग करें और इसके अनुसार कैदियों व जेल कार्मिकों को मानसिक तनाव व अवसाद से बाहर निकालने के प्रयास करें। आइजी जेल एपी अंशुमान ने कहा कि केंद्र के दिशानिर्देशों के क्रम में यहां भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। जेल प्रशासन पहले से भी कैदियों व जेल कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है।

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