सडक़ें बंद होने से अलग-थलग पड़ी पर्यटन नगरी

पिथौरागढ़।

सीमांत जनपद में आसमानी आफत का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भारी बारिश के बाद पर्यटन नगरी मुनस्यारी को जोडऩे वाली दोनों प्रमुख सडक़ें बंद हो गईं। इन सडक़ों के बंद रहने से पर्यटन नगरी का शेष दुनियां से संपर्क कट गया है। जिससे क्षेत्र की 40 हजार से अधिक की आबादी की मुश्किल फिर बढ़ गई है। सीमांत जनपद में फिर से बारिश का कहर शुरू हो गया है। बारिश के बाद बंद सडक़ें यहां के लोगों का दर्द बढ़ा रही हैं। बारिश के बाद पहाड़ी दरकने व मलबा गिरने से पर्यटन नगरी को जोडऩे वाली दोनों प्रमुख सडक़ें बंद हैं। जौलजीबी-मुनस्यारी और थल-मुनस्यारी सडक़ें बंद होने से पर्यटन नगरी अलग-थलग पड़ गई है। हरडिय़ा और बनीक के पास पहाड़ी दरकने से थल-मुनस्यारी जबकि भदेली, चरीगाड़ के पास नाले उफान में आने से जौलजीबी-मुनस्यारी सडक़ पर आवाजाही ठप है। हालांकि सरकारी मशीनरी इन सडक़ों को खोलने में जुटी है।
भूस्खलन होने से चरी गाड़ पुल पर मंडराया खतरा
मुनस्यारी। जौलजीबी-मुनस्यारी सडक़ पर लगातार भूस्खलन होने से चरीगाड़ पुल खतरे में आ गया है। भूस्खलन से लगातार पुल का एबेटमेंट टूट रहा है, जिससे इस पुल के अस्तित्व पर संकट के बादल गहरा गए हैं। हालांकि खतरे को देखते हुए प्रशासन ने इस पुल पर वाहनों की आवाजाही पर पहले की रोक लगा दी थी। अब इस पुल पर पैदल आवाजाही भी रोक दी गई है। किसी तरह लोग और वाहन इस स्थान पर उफनाए नाले को पार कर आवाजाही कर रहे हैं।

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