बीमा कंपनी पर तीन लाख से ज्यादा का हर्जाना

हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को क्लेम धनराशि न देने के मामले में दोषी पाया है। आयोग ने प्रभारी अधिकारी, रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस गुरुग्राम को दो लाख सात हजार रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति के रूप में एक लाख रुपये और अधिवक्ता फीस के रूप में 30 हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता ओमप्रकाश सिंघल निवासी पूर्वावली गणेशपुर रुड़की जिला हरिद्वार ने प्रभारी अधिकारी रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसने और अपने परिजनों के लिए बीमा कंपनी से मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। उक्त पॉलिसी की बीमित धनराशि पांच लाख रुपये तय की गई थी। बीमा कंपनी ने पॉलिसी जारी करने से पहले चिकित्सक से शिकायतकर्ता की पूरी जांच करायी थी। संतुष्ट होने पर उसे पॉलिसी जारी की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता बीमारी से ग्रस्त हो गया था। जहां उसने एक मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में भर्ती होकर इलाज कराया था। बीमारी के उपचार में दो लाख सात हजार 612 रुपये खर्च हुए थे। इसके बाद शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी से सभी कागजात देते हुए क्लेम धनराशि पाने के लिए आवेदन किया था। लेकिन बीमा कंपनी ने मिथ्या रूप से तथ्य छिपाने का कारण दर्शाते हुए पॉलिसी निरस्त कर दी थी। शिकायतकर्ता ने गलत रूप से पॉलिसी निरस्त करने की आपत्ति के साथ और कोई सुनवाई न होने पर आयोग की शरण ली थी। मामले की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा और विपिन कुमार ने बीमा कंपनी के अधिकारी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है।

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