अपने धर्मग्रंथों का ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करें

 

धर्मशाला। अपने धर्मग्रंथों का अध्ययन करें। हमने विद्यालयों में धर्मग्रंथों के अध्ययन और अध्यापन पर जोर दिया है। यहां हमारे महत्वपूर्ण धर्मग्रंथों का अध्ययन-अध्यापन हो रहा है। जितना ज्यादा हो सके, आप इन धर्मग्रंथों का अध्ययन करें। तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने ग्यूदमे और ग्यूतो तांत्रिक महाविद्यालयों की ओर से रविवार को मैक्लोडगंज के मुख्य बौद्ध मंदिर में आयोजित प्रार्थना सभा में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि आप बहुत से लोगों के बाल सफेद हो चुके हैं। मेरी आयु 86 वर्ष से अधिक हो चुकी है। फिर भी मेरे बाल पूरे सफेद नहीं नहीं हुए हैं। आप सभी की प्रार्थनाओं की शक्ति से मैं आने वाले कुछ दशकों तक निश्चित रूप से जीवित रहूंगा।

उन्होंने कहा कि मैं तिब्बत सहित पूरी दुनिया के सभी लोगों के लिए कार्य करता रहा हूं। मेरी प्रेरणा है कि दुनिया के सात अरब लोगों के हित के लिए आने वाले समय में भी यह कार्य यूं ही करता रहूंगा। इसके अलावा भगवान बुद्ध के शासन को समझने और वृद्धि के लिए कार्य करता रहूंगा।

उन्होंने कहा कि मैं यह भी नहीं कहता कि दुनिया में सभी बौद्ध बनें, लेकिन हमारे भीतर करुणा और प्रेम के जो गुण विद्यमान होते हैं, उन्हें ही हम सभी आगे बढ़ाएं। इसी के विस्तार से आप सुखी होंगे और पूरे विश्व में शांति आएगी। उन्होंने कहा कि आप सभी ने मेरी लंबी आयु के लिए जो प्रार्थना की है, उसके लिए आप सभी का धन्यवाद करता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *