भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है मां स्कंदमाता-स्वामी कैलाशानंद गिरी

 

हरिद्वार। चण्डी घाट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में नवरात्र उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। नवरात्र के उपलक्ष्य में मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है तथा प्रतिदिन पूर्ण विधि विधान से मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना की जा रही है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में मां दक्षिण काली के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पांचवे नवरात्र पर देवी भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा अर्चना की गयी। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर एवं निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि कमल आसन पर विराजमान भगवती के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता को पद्मासना, पार्वती एवं उमा नाम से भी जाना जाता है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी मां स्कंदमाता की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां स्कंदमाता अपने भक्तों को परम शांति और सुख प्रदान करती है। मां स्कंदमाता की उपासना से साधक को अलोकिक तेज और निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है। नवरात्रों में मां भगवती अपने भक्तों को स्नेह व आर्शीवाद प्रदान करती है। मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां भगवती का स्मरण करने से ही असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी को नवरात्र में भगवती की उपासना अवश्य करनी चाहिए और साथ ही देवी स्वरूपा कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी लेना चाहिए।

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