जल संरक्षण के लिए सबको करना होगा सहयोग

रुद्रप्रयाग। राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में नमामि गंगे परियोजना में स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वर्तमान परिदृष्य में जल संरक्षण के लिए आम जनमानस की सहभागिता एवं चुनौतियां विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी हुई। गोष्ठी में मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि यह कार्यशाला हमें सिखाती है कि हमें किस प्रकार जल संरक्षण करना है। पहाड़ों में तो में जल स्रोतों को पूजा जाता है। जो हमें प्रकृति के नजदीक लाता है। हमें फिर से इस संस्कृति को अपनाना होगा। उन्होंने महाविद्यालय को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए वे प्रयासरत हैं। मुख्य वक्ता पाणी राखो आन्दोलन के प्रणेता एवं पर्यावरण रक्षक डा. सच्चिदानन्द भारती ने कहा कि पहाड़ों में जल संरक्षण के लिए वर्षा आधारित जल संग्रहण की योजना की बड़ी महत्ता है। हमें सामूहिक प्रयास से चाल खाल बनाने हैं और जल, जंगल और जमीन को बचाना है। स्पर्श गंगा प्रहरी से सम्मानित गढ़वाल केन्द्रीय विवि के पौड़ी परिसर में कार्यरत प्रो. प्रभाकर बडोनी ने कहा कि हमें अपनी नदियों को न केवल व्यापक रूप से स्वच्छ और संरक्षित करना होगा। बल्कि इस बात का भी ध्यान रखरना होगा कि नदी के जलीय जीवन एवं जैव विविधता का संरक्षण भी हो। छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट ने केदारनाथ विधायक द्वारा महाविद्यालय की समस्याओं के समाधान के लिए दिए गये सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कहा कि विधायक द्वारा महाविद्यालय को खनन न्यास से 55 लाख, विधायक निधि से 3 लाख पुस्तकालय के लिए तथा 2.70 लाख फर्नीचर हेतु दिया गया। जो कि एक वर्ष में किसी भी विधायक द्वारा दिया गया सबसे अधिक सहयोग है। मौके पर प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी, डा.. केपी चमोली, केदारनाथ नंप के अध्यक्ष वेदप्रकाश सेमवाल, प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष विक्रम नेगी, कुलवीर रावत, राजेन्द्र नेगी, सुमन जमलोकी, डा.. डीएस बिष्ट, डा. जितेन्द्र कुमार, डा. आबिदा, डा. ममता शर्मा, डा. निधि छाबड़ा, डा. ममता थपलियाल, डा. शशिबाला रावत, डा. सुनील भट्ट, डा. कनिका बड़वाल, डा. तनुजा मौर्य एवं छात्र-छात्राएं मौजदू थे।

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