पहली बार आदि कैलाश तक गाड़ियों से जा सकेंगे श्रद्धालु
देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 4 मई से आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा शुरू होगी। श्रद्धालु पहली बार तवाघाट से आदि कैलाश और ओम पर्वत तक वाहनों से भी जा सकेंगे। सीमा सड़क संगठन (ठत्व्) के लगभग 20 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाए गए 130 किमी लंबे सड़क मार्ग के चलते यह संभव हुआ है।
अब तक श्रद्धालु तवाघाट पॉइंट से यह यात्रा पैदल ही करते थे। इस बार कुमाऊं मंडल विकास निगम (ज्ञडटछ) ने श्रद्धालुओं के लिए पैकेज भी बनाया है। श्रद्धालु बिना पैकेज के जाना चाहे तो अपने स्तर पर यात्रा कर सकता है। इसके लिए धारचूला में ैक्ड कार्यालय से इनरलाइन परमिट लेना होगा।
आदि कैलाश को भारत का कैलाश मानसरोवर भी कहते हैं। चीन के कब्जे वाले तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत की परछाई जैसे मानसरोवर झील में भी दिखती है, वैसे ही आदि कैलाश पर्वत की परछाई भी पार्वती कुंड में पड़ती है। उत्तराखंड सीमा पर लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिलहाल बंद है।
उत्तराखंड के प्रमुख हिंदू तीर्थ केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खोल दिए जाएंगे। इस बार उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है। यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 22 अप्रैल और बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। यात्रा के लिए पहली बार उत्तराखंड सरकार ने बुकिंग की थी। अब तक कुल 9 लाख 68 हजार 951 लोगों ने यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।