जीन सीक्वेंसिंग लैब से मिलेगी बीमारियों की सटीक जानकारी: डा.रावत

श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा सेंसिटिजे वर्कशॉप ऑन क्लिनिकल एप्लीकेशन ऑफ सीक्वेंसिंग का आयोजन किया गया। जिसमें जीन जांच से लेकर विभिन्न बीमारियों का सटीक रिपोर्ट कैसे मिलती है इस बारे में संकाय सदस्यों को जानकारी दी गई। प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की पहल पर मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में तीन करोड़ की लागत से जीन सीक्वेंसिंग लैब बनाई जा रही है। जिसका जल्द ही शुभारंभ होगा। इससे पूर्व लैब संचालन हेतु संकाय सदस्यों की कार्यशालाएं संपन्न कराए जाने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कहा कि जीन सीक्वेंसिंग लैब होने से भविष्य मे जीन जांच से लेकर विभिन्न बीमारियों की सटीक जानकारी मिल पाएगी। डॉ. रावत ने कहा कि क्लीनिकल स्तर पर भी डॉक्टरों को सुविधा मिल सकेगी। साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के अंदर होने वाली कोविड सीक्वेंसिंग की जांच का डेटा अब इंडियन सार्स कोविड-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम द्वारा मान्यता प्राप्त करने के उपरान्त वेबसाइट पर भी मिल पाएगा। कार्यशाला में दिल्ली से पहुंचे थर्मो फिशर कंपनी के डॉ. अनिल कुमार ने जीन सीक्वेंसिंग के तहत मिलने वाले विभिन्न जांच उपकरणों की जानकारी एवं कैसे जांच की जाएगी इस संदर्भ में विस्तार से जानकारी दी। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ. विनीता रावत ने कहा कि नए आधुनिक उपकरण लगने के उपरांत मेडिकल कॉलेज की जीन सीक्वेंसिग की सुविधा इंडियन सार्स कोविड -2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम से युक्त हो गई है। यह एक मल्टी लैब नेटवर्क है। जिसमे कोविड के वायरस मे हो रहे बदलाव और उसके प्रकार का विश्लेषण किया जा सकेगा। कार्यशाला में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. पुष्पेन्द्र सिंह, बाल रोग विभाग के एचओडी डा. व्यास रौठार, डा. पूजा शर्मा, डा. सुमिला, डा. सुनील कुमार, डा. अनिल कुमार द्विवेदी, डा. नियति एरोनी, डा. तृप्ति श्रीवास्वत, डा. मिनाक्षी आदि संकाय सदस्य मौजूद रहे।

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