आख़िर क्यों उमेश कुमार, आयुष गौड़ की सुरक्षा की रेकी करवा रहे है? चिट्ठी लीक-
खानपुर निर्दलीय विधायक और समाचार प्लस के सी.ई.ओ उमेश कुमार अपने संपादक और जिगरी दुश्मन आयुष गौड़ उर्फ़ “पंडित” की सुरक्षा की रेकी क्यों कर रहे है? आख़िर उनका मक़सद क्या है? क्या उमेश कुमार और उनके लोग सूचना के अधिकार का दुरुपयोग कर आयुष और उसके परिवार के साथ किसी अप्रिय घटना को अंजाम देना चाहते हैं? आयुष के साथ इतने सुरक्षा कर्मी चलते हैं? वो कहाँ रहते है? आख़िर इससे उमेश का और उसके पाले हुए लोगों का का क्या लेना देना? क्या इस पूरे मामले की जाँच नहीं होनी चाहिए? एक व्यक्ति जो कि बतौर शिकायत करता उत्तराखंड की सबसे बड़ी साज़िश को उजागर कर एक तिकड़मी और रसूखदार इंसान के सामने खड़ा होता है, आमने सामने की लड़ाई लड़ता है ऐसे व्यक्ति के ख़िलाफ़ यदि कोई साज़िश होती है तो राज्य का यह कर्तव्य नहीं बनता की इस मामले की जाँच करें। या फिर राज्य में आयुश राजनीतिक क्रॉस फ़ायर का शिकार हो रहे है? आपको बता दें कि यह चिट्ठी सन 2021 की है । सूचना के अधिकार में उमेश कुमार के कैमरामैन असद ख़ान द्वारा आयुष की सुरक्षा की जानकारी माँगी गई थी। दिलचस्प बात यह है कि इसमें असद ख़ान का एड्रेस ए-9 IT पार्क है, जोकि उमेश कुमार का एड्रेस है। हालाँकि आयुष ग़ौड से इस मामले पर बात करने पर उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि यह चिट्ठी उनके द्वारा गृह विभाग को तब लिखी गई थी जब उनके पास गृह विभाग से उनकी सुरक्षा की जानकारी को साझा करने के लिए अनुमति माँगी गई थी।क्योंकि यह जानकारी पूर्ण रूप से निजी थी इसलिए गृह विभाग द्वारा आयुष से अनुमति माँगी गई थी। लेकिन अचानक दो साल बाद यह बाहर कैसे आ गई इसका उन्हें पता नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि इतनी बड़ी लड़ाई में इस तरह के दाँव पेच चलते रहते हैं। उमेश कुमार और एक बड़े आई पी एस दोस्त जो कि शासन में एक विशेष पद पर रह चुके हैं उनके द्वारा मिलकर पूर्व में आयुष की सुरक्षा भी हटायी गई थी। हालाँकि उसके बाद आयुष उच्च न्यायालय जाकर अपनी सुरक्षा बहाल कर लाए थे। जब हमने पूछा कि इस बात का ख़ुलासा उस दौरान आयुष ने क्यों नहीं किया इस पर आयुष ने बताया कि इस तरह के विवादों में यह सब चलता रहता है। मुझे ईश्वर पर भरोसा है और मुझे पता है की उमेश कुमार और इनके लोगों से कैसे निपटना है। यह लड़ाई अब तक में अकेले लड़ रहा हूँ और आगे भी लड़ता रहूंगा। बस अफ़सोस इस बात का है कि विधायक जी इतने बड़े खिलाड़ी होते हुए भी ऐसी RTI डलवाते हैं जो इनका सारा कनेक्शन बता देती है। आयुष ने यह भी बताया कि इस दौरान उमेश कुमार द्वारा बोहोत सारे षडयंत्र आयुष और उनके परिवार के ख़िलाफ़ रचे गए लेकिन उसका ज़िक्र करना उन्होंने ठीक नहीं समझा। हालाँकि अपनी सतर्कता के चलते इन षडयंत्रों को भेदकर आयुष ने कई बार उमेश कुमार के गुप्त वारों को निष्क्रिय कर दिया। आयुष ने कहा वक़्त आने पर सभी से बोहोत सारी चीज़ें साझा करी जाएँगी।