जर्जर भवनों में न कराए जाएं शिक्षण कार्य

रुद्रप्रयाग। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा जितेंद्र सक्सेना ने कहा कि जीर्ण-शीर्ण भवनों में किसी भी दशा में शिक्षण कार्य न कराया जाए। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा से जुड़े सभी उप शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि जीर्ण शीर्ण व क्षतिग्रस्त राजकीय प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय भवनों की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि जिन छात्र-छात्राओं के आवास से विद्यालय के बीच आवागमन असुरक्षित हैं उन अभिभावकों से संपर्क स्थापित करते हुए नौनिहालों को विद्यालय नहीं भेजे जाने को कहा जाए। सक्सेना ने बताया कि अतिवृष्टि/आपदा को देखते हुए सभी उप शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने विकास खंड में जीर्ण शीर्ण/क्षतिग्रस्त राजकीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय भवनों की समीक्षा करते हुए उनका पूर्ण विवरण संकलित कर लें। साथ ही आपदा/अतिवृष्टि से संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए जर्जर व असुरक्षित कक्षा-कक्षों पर शिक्षण कार्य न किया जाए। इसके लिए संबंधित ग्राम प्रधान, एसएमसी से संपर्क स्थापित करते हुए पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, बारात घरों एवं ग्राम प्रधान द्वारा उपलब्ध कराए गए अन्य सुरक्षित भवनों पर शिक्षण कार्य किया जाए। कहा कि जिन छात्रों को घर से विद्यालय आने वाले मार्गो में नाला, गदेरा, मार्ग भू-स्खलन एवं आवाजाही असुरक्षित हो वहां अभिभावकों से संपर्क कर छात्र-छात्राओं को विद्यालय न भेजा जाए, संबंधित दिवसों में छात्र-छात्राओं का अवकाश नहीं माना जाएगा।

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