राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया उत्तराखण्ड राज्य में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की  –

देहरादून

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शुक्रवार को राजभवन में उत्तराखण्ड राज्य में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अधिकारियों द्वारा टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राज्य में वर्ष 2023 की अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि अभी तक 9,922 नि-क्षय मित्र बनाये गए हैं। कुल 19,833 रोगियों को नि-क्षय मित्र द्वारा सहायता प्रदान की गई है। दिनांक 04 जनवरी, 2024 तक 2,252 ग्राम, 1012 ग्राम पंचायत एवं 61 शहरी वार्ड टीबी मुक्त सूचकांक को प्राप्त कर चुके हैं। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि माह नवंबर, 2023 तक टीबी के इलाज की सफलता दर में भारत सरकार से प्राप्त 85 प्रतिशत के लक्ष्य के सापेक्ष 87 प्रतिशत की उपलब्धि प्राप्त की गई है।
इस अवसर पर टीबी उन्मूलन लक्ष्य 2024 की प्राप्ति हेतु कार्ययोजना, टीबी मुक्त ब्लॉक कार्ययोजना के संबंध में अधिकारियों द्वारा बताया गया। राज्यपाल ने प्रदेश में टीबी मुक्त अभियान के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों द्वारा इस अभियान में उत्कृष्ट कार्य किया गया है उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि जनसहयोग से ही यह अभियान सफल होगा और राज्य अपने लक्ष्य के अनुसार इस वर्ष के अंत में टीबी मुक्त बन सकेगा। उन्होंने अभी तक के किए गए प्रयासों को डाक्यूमेंट करने के भी निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि विभाग द्वारा अब तक जो प्रयास किए गए हैं वह सराहनीय हैं और उसे जारी रखने की जरूरत है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता के लिए राज्यपाल की प्रेरणा और उनके मार्गदर्शन से यह सब संभव हो सका है। उन्होंने राज्यपाल की अध्यक्षता में सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की बैठक और पूरे प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर पांच बड़े सेमिनार आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि इस माह के अंत तक पांच हजार गांवों को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर.राजेश कुमार, अपर सचिव श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, अपर सचिव अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ.बिनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, प्रभारी अधिकारी क्षय उन्मूलन कार्यक्रम डॉ. पंकज भट्ट आदि उपस्थित रहे।

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