बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर साधु-सतों ने एडीएम को ज्ञापन सौपा

हरिद्वार

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर तीर्थनगरी हरिद्वार के साधु-संत समाज, 13 अखाड़ों, हिन्दुवादी संगठन आदि ने आज भारत के माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और संयुक्त राष्ट्र संघ अधयक्ष को सम्बोधिात एक ज्ञापन एडीएम पीएल शाह को सौपा है। साधु-संतों ने ज्ञापन में कहा हैं कि बांग्लादेश में जिस प्रकार से वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ षड़यंत्र पूर्वक बर्बरता का अमानवीय व्यवहार हो रहा है। सामूहिक हत्याएं, बलात्कार, लूटपाट का दृश्य पूरे विश्व की मानवता को शर्मसार कर रहा है। बांग्लादेश निर्माण के समय 24 प्रतिशत वहां हिंदू निवास करता था, जो आज घटकर केवल 8 प्रतिशत रह गया है। बांग्लादेश निर्माण के समय से ही निरंतर शांतिप्रिय हिंदू समाज के साथ कट्टरपंथी इस्लामिक जिहादियों द्वारा निरंतर हिंदुओं को प्रताड़ित कर उनकी हत्याएं, बहन बेटियों से बलात्कार एवं जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है। चुन चुन कर बांग्लादेश के सभी हिंदू धर्म स्थलों को तोड़ा जा रहा है, अभी हाल में वहां की लोकतांत्रिक सरकार को जिस प्रकार से सेना और इस्लामिक कट्टरपंथी द्वारा के सत्ता परिवर्तन के इस खेल को दुनिया ने देखा है वहां का प्रधानमंत्री तक सुरक्षित नहीं उनको देश छोड़कर भागना पड़ा, तो वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू समाज अपनी रक्षा कैसे कर सकेगा। ज्ञापन में आगे कहा गया हैं कि आश्चर्य है कि पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आज हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर मौन बैठा है। संयुक्त राष्ट्र संघ जिसका निर्माण केवल इस बुनियाद पर हुआ कि विश्व में मानवता शांति सद्भाव स्थापित रहे। दुर्भाग्य है कि विश्व की किसी भी कोने में जब शांतिप्रिया हिंदू समाज के ऊपर के ऊपर अत्याचार बर्बरता होती है, तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय सहित यह संस्थाएं भी मौन होकर बैठ जाती है, दुर्भाग्य से आज बांग्लादेश में वर्तमान समय चल रहे अल्पसंख्यक हिंदू समाज के ऊपर सुनयोजित षड़îंत्र के तहत घनघोर अत्याचार बर्बरता देखते हुए भी यह संस्थाएं और समुदाय चुप बैठा है। संतों ने ज्ञापन में कहा हैं कि हम भारत के समस्त साधु संत राष्ट्र प्रेमी मानवता प्रेमी सनातन हिंदू धर्मावलम्बी मांग करते हैं। भारत सरकार तत्काल इस विषय को संज्ञान में लेते हुए इस पर कार्रवाई करें। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं संयुक्त राष्ट्र संघ पर दबाव डालें की बांग्लादेश सहित विश्व में हर देश में हिंदू सुरक्षित रह सके, यह सुनिश्चित हो साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए एक अलग नया सुरक्षित देश का निर्माण कराया जाना अति आवश्यक है। बांग्लादेश में हिंदुओं के घर दुकान मकान जो तोड़े गए है। उसकी आर्थिक भरपाई वहां की सरकार करें, उन सभी का पुनर्वास हो तथा जो मठ मंदिर तोड़े गए हैं, उन सभी का भी फिर से पुनर्निर्माण हो। भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव डालकर हिंदुओं की रक्षा के लिए आगे आए तथा भारत में भी अवैध रूप से जो करोड़ों बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं, उनको तत्काल भारत से बाहर करें। भविष्य में भारत के अंदर इस तरह की परिस्थितियों ना पैदा हो ऐसा सुनिश्चित करें। ज्ञापन देने वालों में 13 अखाड़ों जूना अखाड़ा, पंचायती निरन्जनी अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा, बावाहन अखाड़ा, बदल अखाड़ा आनंद अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, बहा अखाड़ा उदासीन, नया अखाड़ा उदासीन, निर्मल अखाड़ा, दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, निर्वाणी अणि, षडदर्शन साधु समाज, अखिल भारतीय संत समिति, विश्व हिंदू परिषद, युवा भारत साधु समाज, आर्य समाज, श्री गंगा महासभा हरिद्वार, अश्चिल भारतीय पुरोहित समाज, दादू पंथी, कबीरपंथी, गरीबदासी, पीसा पंथी, रविदासी, वाल्मीकि, सिक्ख बौद्ध, जैनसमाज के सभी पंथ उपपन्ना पर अध्यक्ष राष्ट्रीय व्यापार मण्डल उत्तराखण्ड हिन्दू कान्ति दल आदि समेत एसडीएम अजय वीर सिंह, सीओ सिटी जूही मनराल, राजीव चौधारी, राजेश रस्तोगी आदि भी मौजूद रहे।

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