शराब सिंडीकेट ऑफिस में हुए गोलीकांड में एके सिंह और पिंटू भाटिया को पुलिस ने करीब-करीब क्लीन चिट दे दी?

इंदौर,।

गोलीकांड के तत्काल बाद बने प्रेशर के बीच जिन पुलिस अधिकारियों ने सिंह और भाटिया के नाम एफआईआर में बढ़ाने के दावे किए थे वही दोनों को अब गोलीकांड का चश्मदीद गवाह बनाने में जुटे हैं। दूसरी तरफ रीढ़ की हड्डी के फेक्चर के कारण अर्जुन ठाकुर के बयाननहीं हो पाए हैं। जो भी सिंह और भाटिया के लिए राहत की बड़ी खबर है। गोलीकांड का मामला रोज नए रूप ले रहा है। अंगदकुमार सिंह और पिंटू भाटिया को लेकर पुलिस की भूमिका पहले दिन से संरक्षक की रही है। पहले दिन दर्ज एफआईआर में ही दोनों के नाम शामिल नहीं किए गए। जब दबाव आया तब कहा कि दोनों को भी आरोपी बना दिया गया है। हालांकि सिंह और भाटिया की भोपाल से लेकर दिल्ली दरबार तक में मजबूत पकड़ को देखने और समझने के बाद मामला उलट गया। पूरा फोकस हेमू ठाकुर पर रखा गया है। इसीलिए हेमू पर इनाम की राशि बढ़ाकर 30 हजार कर दी गई। वहीं पुलिस ने सिंह और भाटिया की फरार मानने तक से इंकार कर दिया। नई कहानी के अनुसार जिस वक्त सिंडीकेट ऑफिस में गोलीकांड हुआ उस वक्त सिंह और भाटिया वहां मौजूद जरूर थे लेकिन दोनों के पास कोई हथियार नहीं था। जैसे ही गोली चली दोनों नीचे उतर गए थे। इसके बाद उपचार के लिए भर्ती अर्जुन ठाकुर को देखने के लिए अस्पताल तक भी गए लेकिन ठाकुर के साथियों की नाराजगी को देखकर मिल नहीं सके। बाहर से ही लौट आए। बतौर निष्कर्ष कहा जा रहा है कि यदि दोनों की मंशा ठाकुर को हताहत करने की होती तो वह अस्पताल तक उससे मिलने नहीं जाते। बीते दिनों आईजी हरिनारायण मिश्र ने कहा था कि सिंह और भाटिया को भी आरोपी बनाया जाएगा लेकिन उससे पहले अर्जुन ठाकुर के धारा 164 में बयान होंगे। चूंकि गोली लगने की वजह से अर्जुन ठाकुर की रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर है और डॉक्टर ने उन्हें डेढ़ महीने आराम की सलाह दी है। इसीलिए पुलिस की ओर से बयान के लिए भेजी गई सूचना पर ठाकुर की ओर से आने में असमर्थता जता दी गई। इस खबर ने सिंह और भाटिया को राहत दी है वहीं पुलिस को अपनी कहानी पुख्ता करने का वक्त दे दिया है। चूंकि पुलिस सिंह और भाटिया को आरोपी बना नहीं रही है इसीलिए उनका इस्तेमाल हेमू ठाकुर और चिंटू ठाकुर के साथ ही सतीश भाऊ के खिलाफ गवाही के लिए किया जा सकता है। कुल 11 अरोपी बनाए गए थे। इनमें से सतीश भाऊ, चिंटू ठाकुर, रितेश करोसिया, पांचाल सहित सात पकड़े जा चुके हैं। वहीं हेमू ठाकुर, छोटू, दयाराम, लोकेंद्र उर्फ लोकू और अंशुमान अय्यर फरार हैं। शुरू से सिंह और भाटिया का नाम एफआईआर में शामिल नहीं था जबकि पूर्व एसपी आशुतोष बागड़ी ने कहा था कि दोनों के नाम भी जोड़ दिए गए हैं।

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