डीसीएफआर के वैज्ञानिक लद्दाख में मछली पालन के विकास पर कार्य करेंगे
नैनीताल।
भीमताल स्थित शीतजल मत्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय (डीसीएफआर) के मत्स्य वैज्ञानिक लद्दाख में मत्स्य पालन के विकास के लिए कार्य करेंगे। भारत सरकार के मत्स्य मंत्रालय ने डीसीएफआर भीमताल को लद्दाख में मत्स्य पालन, जल कृषि के विकास की जिम्मेदारी सौंपी है। डीसीएफआर के वैज्ञानिकों की एक टीम इन दिनों निदेशक डॉ. पीके पांडे के नेतृत्व में लद्दाख गयी है जो वहां मछली पालन की संभावनाओं को तलाश रही है। उन्होंने बताया कि लद्दाख में वैज्ञानिकों की टीम ने उप राज्यपाल राधा कृष्ण माथुर के साथ बैकर कर जलीय कृषि के सतत विकास, जलीय जैव विविधता के संरक्षण, सजावटी मत्स्य पालन आदि के बारे में चर्चा हुई। वैज्ञानिकों ने विभिन्न अनुसंधान एवं विकासात्मक पहलुओं की जानकारी दी। लद्दाख में मत्स्य पालन के विकास के लिए जल कृषि प्रौद्योगिकियों एवं जैव विविधता संरक्षण की प्राथमिकताओं पर रोड मैप तैयार किया जा रहा है। पैंयोंगत्सो झील का दौरा किया और जल की गुणवत्ता से संबंधित सभी आधारभूत आंकड़े एकत्रित किये। उन्होंने बताया कि टीम मछली पालन में चनौतियों को जानने के लिए लेह, तुब्राघाटी, कारगिल व द्रास में स्थित सरकारी व निजी मत्स्य फार्मों का दौरा कर जानकारी हासिल करेगी। टीम लद्दाख में 30 अगस्त तक प्रवास पर रहेगी।