शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को पाठ्यक्रम में शामिल करें

नैनीताल। प्रगतिशील भोजन माता संगठन ने भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर गोष्ठी आयोजित की। इसमें ज्योतिबा फुले ने किस तरह अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को शिक्षा देकर एक शिक्षिका बनाया और महिलाओं के जीवन के अंधकार को मिटाने का काम किया, इस पर चर्चा की गई। गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने समाज से अज्ञानता के अंधकार को मिटाने का जो निर्णय लिया, उस पर आजीवन अडिग रहीं। कहा कि अफसोस की बात है कि ऐसी महान प्रथम शिक्षिका को भुला दिया गया। उनको विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया। महिलाओं पर हिंसा के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। सभी ने सावित्रीबाई फुले को विद्यालय पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की। गोष्ठी में कमला नंदी, भगवती, पदमा, तुलसी, दीप्ति समेत लगभग 50 महिलाओं ने शिरकत की।

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