दिल्ली कोर्ट ने पति को दिया महिला को 1 लाख रुपये देने का आदेश

नई दिल्ली

दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीलोफर आबिदा प्रवीण की अदालत ने इस मामले में पति को निर्देश दिया है कि वह पत्नी के इलाज के लिए एक लाख रुपये की राशि दे। अदालत ने यह भी कहा कि इस समय पीड़ित महिला मानसिक, शारीरिक परेशानी के साथ ही आर्थिक तंगी से जूझ रही है। उसके साथ यह व्यवहार उचित नहीं है। इस समय इस महिला को आर्थिक मदद के साथ ही अपनत्व की जरूरत है। अदालत प्रतिवादी को महिला के साथ किसी तरह के व्यवहार के लिए बाध्य नहीं कर सकती, लेकिन उसके इलाज के लिए रकम देने का निर्देश दे सकती है, जैसा कि किया भी जा रहा है। हालांकि, पति का कहना था कि वह एक मामूली दिहाड़ी कर्मचारी है और पहले ही पत्नी को गुजाराभत्ते के तौर पर 15 हजार रुपये महीना दे रहा है। इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि गुजाराभत्ता अलग मसला है। यहां एक गंभीर बीमारी के लिए आर्थिक सहायता का मामला है। दंपति ने वर्ष 2015 में प्रेम विवाह किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों में मतभेद शुरू हो गया। दो साल बाद ही दोनों अलग रहने लगे। घरेलू हिंसा से लेकर दहेज प्रताड़ना जैसे कई मुकदमे अदालत में पहुंच गए। अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादी पति को पत्नी को घर खर्च के तौर पर 15 हजार रुपये महीना देने का निर्देश दिया था। पति का कहना था कि वह पूर्व के आदेशानुसार पत्नी को गुजाराभत्ता रकम दे रहा है। अब इलाज के लिए अतिरिक्त पैसा कहां से देगा। महिला की ओर से अदालत को बताया गया कि उसे कैंसर की बीमारी है और उसके इलाज के लिए 18 कीमोथेरेपी होनी हैं। प्रत्येक कीमोथेरेपी पर 35 रुपये खर्च होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *