चकराता की ऊंची चोटियां बर्फ से लकदक,  पारा गिरा

विकासनगर। चकराता की ऊंची पहाड़ियों पर देर रात सीजन की चौथी बर्फबारी हुई। इससे पूरे क्षेत्र में एक बार फिर पर्यटकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि चकराता बाजार में बर्फबारी नहीं होने से स्थानीय व्यापारी मायूस नजर आए। पिछले तीन दिनों से क्षेत्र में चटक धूप खिली थी। इससे लोगों को ठंड से कुछ निजात मिली हुई थी लेकिन रविवार शाम हुई बर्फबारी से पूरा क्षेत्र सर्दी की चपेट में है। रविवार को पूरा दिन आसमान में घने बादल छाए रहे, लेकिन शाम छह बजे से शुरू हुई। बारिश के बाद ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हुई, जो रुक रुक कर सुबह तक चलती रही। वहीं चकराता बाजार में हल्की बर्फ की फुहारें पड़ी, जो सुबह होते ही पिघल गयी। क्षेत्र की ऊंची चोटियों देवबन, लोखंडी, लोहारी, जाड़ी, खडंबा, व्यास शिखर, मुंडाली, चोरानी, कथियान, मोयला टॉप, आदि जगहों पर एक से डेढ़ फीट तक बर्फबारी हुई है। चकराता छावनी और उससे निचले इलाकों में कम बर्फ पड़ने से लोग निराश नजर आ रहे हैं। उधर बर्फबारी के चलते पूरा क्षेत्र कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। सोमवार को चकराता का अधिकतम पारा भी गिरकर चार डिग्री पर आ गया, जबकि न्यूनतम तापमान माइनस एक डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग द्वारा जारी बर्फबारी के अलर्ट के बाद रविवार को बड़ी संख्या में पर्यटकों ने चकराता का रुख किया। देर शाम क्षेत्र के अधिकांश होटल पर्यटकों से फुल हो गए थे€। सोमवार सुबह जब लोगों की आंख खुली तो चकराता बाजार से दिखने वाली क्षेत्र की ऊंची चोटियां बर्फ से लकदक नजर आई, जिससे पर्यटकों में खुशी की लहर दिखी। लोगों ने बर्फबारी के नजारों को अपने कैमरों में कैद किया और बर्फबारी का आनंद लिया। वहीं बर्फबारी फसल के लिए भी वरदान साबित होगी। साथ ही प्राकृतिक स्रोतों पर पेयजल के लिए निर्भर गांवों और कस्बों को भी इसका लाभ होगा। अच्छी बर्फबारी होने से किसानो व बागवानों के चेहरे भी खिले हुए हैं।

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