साधु बेला आश्रम में हुआ बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार

हरिद्वार। श्री बनखंडी साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास ने बताया कि हिंदू धर्म संस्कार में उपनयन संस्कार दशम संस्कार है जो कि मानव जीवन के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। इस संस्कार के अंतर्गत ही बालक के जीवन का भौतिक तथा आध्यात्मिक मार्ग प्रशस्त होता है। यज्ञोपवीत धारण करने के पश्चात उसे गायत्री मंत्र की दीक्षा दी जाती है। सोमवार को भूपतवाला स्थित साधु बेला आश्रम में सूरत से आए परिवार ने अपने पुत्रों का उपनयन संस्कार विधि-विधान पूर्वक किया। इस दौरान शंकर लाल मुरलीधर, कोमल, शंकर लाल, आशा, प्रतीक, पुनीत, पंडित भागीरथ आदि मौजूद रहे।

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