पुलिस और नगर निगम के तालमेल की कमी के चलते धूल फांक रही रेड लाइट

रुड़की। नगर निगम ने शहर के सात व्यस्ततम चौराहों पर 90 लाख रुपये खर्त कर रेड लाइटें लगवाई थी लेकिन वह कुछ दिन बाद ही बंद हो गई। अब नगर निगम और यातायात पुलिस एक दूसरे पर इन लाइटों के संचालन की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। नगर निगम ने यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर यह रेड लाइटें लगावाई। कुछ दिन तक सभी लाइटें जली लेकिन उसके बाद अचानक बंद हो गई। निगम के अधिकारी कहते हैं हैं कि रेड लाइटों की देखरेख का जिम्मा यातायात पुलिस का है। वही उन्हें सही करवा कर चालू करवाएगी। वहीं, यातायात पुलिस इनके संचालन और रखरखाव से अपना पल्ला झाड़ रही है।

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