एनआईटी और एमजीजीईसी के बीच हुआ शैक्षणिक समझौता
श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), उत्तराखंड श्रीनगर और महात्मा गांधी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज ज्योरी, सुंदरनगर के बीच एक शैक्षणिक समझौता हुआ है। जिस पर एनआईटी, उत्तराखंड के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी और एमजीजीईसी के निदेशक कम प्रिंसिपल डा. राकेश कुमार ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रो. अवस्थी ने कहा कि छात्रों के समग्र विकास, शोध और नवाचार को इस समझौते से बढ़ावा मिलेगा। प्रो. अवस्थी ने कहा कि समग्र शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार योग्यता, नवाचार व उद्यमिता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आदि विषयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रमुखता दी गई है। इस लक्ष्य को साधने के लिए देश के शैक्षणिक संस्थानों के बीच पारस्परिक सहयोग पर आधारित एक मजबूत शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एमजीजीईसी के साथ किया यह समझौता एनआईटी द्वारा शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण कि दिशा में बढ़ाया गया एक और कदम है। प्रो. अवस्थी ने कहा कि इस समझौते के तहत एनआईटी, उत्तराखंड एमजीजीई, सुंदरनगर को पाठ्यक्रम डिजाइन, अनुसंधान और विकास, कौशल विकास कार्यक्रम, प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण और संकाय विकास कार्यक्रम एनआईटी परिसर में छात्रों और संकाय के प्रशिक्षण करने में सहयोग प्रदान करेगा। इसके अलावा इस समझौते में बी.टेक के छात्रों के लिए इंटर्नशिप, औद्योगिक प्रशिक्षण, अतिथिव्याख्यान, इनहाउस ट्रेनिंग, कार्यशाला कार्यक्रम, औद्योगिक दौरों का संचालन आदि सुविधाओं को साझा करना, इनक्यूबेशन सेंटर और स्टार्ट अप सेल में संयुक्त सहयोग और भागीदारी की भी परिकल्पना की गई है। एमजीजीईसी के निदेशक- कम-प्रिंसिपल डॉ. राकेश कुमार ने एमओयू पर हर्ष व्यक्त किया और प्रो. अवस्थी के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा कि दोनों संस्थान सामान्य हितों और उद्देश्यों के लिए एकजुट और दोनों संस्थानों के बीच संचार और सहयोग के चैनलों की स्थापना से शोध और नवाचार संबंधित कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में दोनों संस्थान संयुक्त रूप से अनुसंधान परियोजनाओं, पीएचडी छात्रों के संयुक्त पर्यवेक्षण, संयुक्त कार्यशालाओं, सम्मेलनों और संगोष्ठियों आदि का आयोजन करेंगे।