एसएसजे विवि ने बीएड पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति के अनुरूप व्यावहारिक एवं प्रायोगिक बदलाव
अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में बीएड एवं एमएड पाठ्य समिति की दो दिवसीय बैठक का शनिवार को संपन्न हो गई है। जिसमें नई शिक्षा नीति के अनुरूप अध्यापक शिक्षा में नवाचारी परिवर्तन लाने को प्रायोगिक कार्य एवं मूल्यांकन प्रणाली में फेरबदल किया है। एसएसजे विवि के शिक्षा संकाय की डीन प्रो भीमा मनराल ने बताया कि एसएसजे विवि से संबंद्ध सभी परिसरों, महाविद्यालयों में बीएड के पाठ्यक्रम में जरूरत के हिसाब से कुछ परिर्वतन किए गए है। जिसमें बीएड पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति के अनुरूप परिर्वतन लाने के लिए व्यावहारिक एवं प्रायोगिक बदलाव किए गए है। उन्होंने बताया कि बीएड चतुर्थ सेमेस्टर में अब एक एक्सपर्ट के माध्यम से बाह्य मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही अब बीएड कोर्सवर्क के दौरान अब कुल मिलाकर दो बाह्य एक्सपर्ट की ओर से मूल्यांकन किया जाएगा। बकायदा इसके लिए अंकों का क्राइटेरिया भी पाठ्य समिति ने तय कर लिया गया है। साथ ही एसएसजे विवि से संबद्ध सभी परिसरों एवं महाविद्यालयों में एक पाठ्य योजना भी लागू कर दी गई है। जिसका प्रारूप सभी कॉलेजों एवं महाविद्यालयों को भेजा जा रहा है। समिति की ओर से किए गए बदलावों को आगामी सत्र 2023-25 से ही पूरी तरह से लागू भी कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि शिक्षा संकाय की ओर से एसएसजे विवि के बीएड एवं एमएड एक्सपर्ट की सूची भी जारी कर दी गई है। चयनित प्राध्यापक ही अब बीएड कॉलेजों में परीक्षक की भूमिका में नजर आएंगे। वहीं, शनिवार को शोध उपाधि समिति की बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें पांच शोधार्थियों के शोध प्रबंध रूपरेखाओं का अनुमोदन भी कमेटी की ओर से किया गया।