ब्राह्मण महाकुंभ: पीएम को भेजा 11 सूत्रीय मांग पत्र
हरिद्वार। ब्राह्मण महाकुंभ में विभिन्न प्रदेशों के ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श के बाद 11 सूत्री मांगपत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। ब्राह्मण समाज ने पीएम से सभी राज्यों में ब्राह्मण कल्याण आयोग का संवैधानिक गठन करने समेत अन्य मांगों को पूरा करने का अनुरोध किया है। महाकुंभ में मौजूद विभिन्न ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने उम्मीद जताई है कि पीएम उनकी मांगों पर विचार करने के बाद पूरा करेंगे। रविवार को हरिद्वार के पंतद्वीप मैदान में एक दिवसीय ब्राह्मण महाकुंभ का आयोजन किया गया। महाकुंभ में देश के विभिन्न प्रदेशों के ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेने पहुंचे। इस दौरान ब्राह्मणों के हितों को लेकर चिंतन किया गया। महाकुंभ में तहसीलदार रेखा आर्य के माध्यम से 11 सूत्रीय मांग पत्र पीएम को भेजा गया है।
मांग पत्र निम्नानुसार है-
1. समस्त भारतवर्ष के राज्यों में ब्राह्मण कल्याण आयोग का संवैधानिक गठन किया जाए। यह घोषणा तक सीमित ना रहे तुरंत इसका गठन हो तथा किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को अध्यक्ष न बनाकर ब्राह्मण समाज से ही अध्यक्ष चुना जाए।
2. भारत वर्ष की समस्त जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाय एवं ब्राह्मण वर्ग को प्रत्येक राज्य में जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ दिया जाये एंव राजनैतिक हिस्सेदारी में प्राथमिकता दी जाये।
3. वर्ष 1990 में जम्मू कश्मीर में ब्राह्मणों के हुए नरसंहार की अविलम्ब न्यायिक जांच हेतु आयोग का गठन किया जाय एंव कश्मीरी ब्राह्मणों के पुर्नस्थापन के लिये पूर्व पैतृक सम्पत्ति (कश्मीर) पर स्थापन किया जाये।
4. भारत वर्ष के कई राज्यों के मन्दिरों में गैर ब्राह्मणों को पुजारी नियुक्त किया जा रहा है इस पर तत्काल रोक लगाकर केवल ब्राह्मण पुजारी को ही नियुक्त किया जाय एंव देश के प्रत्येक राज्य में भूमिहीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मणों को भूमि का आवंटन एवं रोजगार दिया जाय।
5. ब्राह्मण वर्ग के छात्र/छात्राओं के लिए शासन द्वारा जिला एवं तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था की जाए जिसका नाम भगवान परशुराम छात्रावास रखा जाए और सरकारी आवेदनों में निःशुल्क की पात्रता दी जाए।
6. देश के प्रत्येक राज्य में मन्दिरों के पुजारियों/पुरोहितों को मासिक सम्मान निधि दी जाये एवं समाज में आर्थिक रूप से कमजोर छात्र/छात्राओं की शिक्षा हेतु सरकार द्वारा आर्थिक मदद की जाय।
7. आठ लाख से नीचे आय वाले निर्धन ब्राह्मणों को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जाए।
8. भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाय। यदि ऐसा नहीं होता है तो राष्ट्रीय अवकाशांे को छोडकर सभी अवकाश निरस्त किये जायें।
9. मंदिरों से हुई धर्मस्व की आमदनी की संपूर्ण राशि मंदिरों के जीर्णाेद्धार, गुरुकुल, गौशाला तथा हिंदू धर्म की लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन हेतु शासकीय अनुदान के रूप में प्रदान की जाए।
10. एस.सी./एस.टी. कानून को समाप्त किया जाये अथवा गिरफ्तारी से पहले जॉच का प्रावधान लागू किया जाये। जिसका जॉच अधिकारी सवर्ण जाति से हो।
11. आयोध्या में बन रहे श्रीराम मन्दिर, ब्रज घाट (गढमुक्तेश्वर) उ.प्र., हरिद्वार एवं भारत के समस्त तीर्थ स्थलांे में भगवान परशुराम की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाये।
महाकुंभ के मुख्य संयोजक पं. विशाल शर्मा ने बताया कि हरिद्वार में गंगा के तट पर ब्राह्मणों का विशाल संगम पहली बार संपन्न हुआ। समाज के हित में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श करने के बाद पीएम को मांगपत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज कई लोगों के निशाने पर है। कई संगठन और दल हमारे प्रति द्वेष की भावना पैदा कर रहे हैं। निर्णय लिया गया कि जो राजनीतिक पार्टी हमारी मांगों का संसद और विधानसभा में समर्थन करेगी, समाज उसका समर्थन करेगा। सभी एकजुट होकर गोत्र, क्षेत्र, वेशभूषा अथवा खान-पान के भेदभाव को समाप्त कर आगे बढ़ेंगे। महाकुंभ के दौरान पं. नितिन गौतम, डॉ. अनीता मिश्रा, पं. मनोज गौतम, पं. पद्म प्रकाश शर्मा, पं. शिव कुमार शर्मा, पं. अधीर कौशिक, पं. हेमचन्द्र भट्ट, डॉ. राजेंद्र पाराशर, पं. शिवशंकर तिवारी, पं. बालकृष्ण शास्त्री, ऋषि शर्मा, डॉ. अशोक शर्मा, पवन कृष्ण शास्त्री आदि मौजूद रहे।