चकराता ब्लॉक में समय पर नहीं मिल रहा ग्रामीणों को राशन
विकासनगर
कोरोना काल में भले ही हर घर राशन पहुंचाने के दावे किए जा रहे हों, लेकिन जौनसार में जमीनी हकीकत इसके उलट है। यहां लोगों को सरकारी सस्ता गल्ला की दुकान से राशन लेने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई परिवारों को समय पर राशन नहीं मिल रहा है। राशन डीलर के पास पहुंचने के बाद अधिकांश लोगों को यह कहा जा रहा है कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि परिवार के परिवार के कुछ सदस्यों के नाम राशन कार्ड से हटा दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार लोगों को राशन के साथ चीनी भी नहीं मिल रही है। चकराता ब्लाक के पाटी गांव निवासी चमन सिंह ने बताया कि मार्च माह तक उनके परिवार के 27 यूनिट थे, जिसके अनुसार उन्हें राशन मिलता था। लेकिन इस माह जब वह डीलर के पास पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनके मात्र 8 यूनिट हैं। लिहाजा अब उन्हें 135 किलो राशन के बजाय मात्र 40 किलो ही राशन मिल पाया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में कारोबार बंद है और राशन भी नहीं मिल रहा है। जबकि वह राशन कार्ड ऑनलाइन कराने को तीन बार आवश्यक दस्तावेज दे चुके हैं। दूसरी ओर एपीएल कार्ड पर मिलने वाला राशन भी कुछ डीलरों को छोड़ आज तक सब जगह नही पहुंच पाया है। जिससे वह भी रोजाना डीलर के चक्कर काट रहे हैं। एपीएल कार्ड धारक मोहन सिंह, सुनील, अमित, शानू आदि का कहना है कि मार्च में राशन मिला था उसके बाद अब तक उनको राशन नहीं मिल रहा है। वहीं, कुछ राशन विक्रेताओं ने गोपनीयता की शर्त पर बताया गोदाम से ही उन्हें कम राशन मुहैया कराया जा रहा है, जिससे वो पर्याप्त राशन जनता को नहीं दे पा रहे हैं। संपर्क करने पर पूर्ति निरीक्षक चकराता सुखबीर सिंह नेगी ने बताया कि राशन कार्ड ऑनलाइन होने की प्रक्रिया जिला स्तर पर गतिमान है। अभी चीनी गोदाम में आई नहीं है, जबकि बाकी राशन नियमानुसार डीलर को दे रहे हैं।