निमोनिया के लक्षणों की पहचान कर डॉक्टर को दिखाना जरूरी
उत्तरकाशी
विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर सीएमएस डॉ बीएस रावत की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएमएस रावत ने बताया कि विगत वर्षों की भांति इस बार भी निमोनिया नहीं, तो बचपन सही, थीम पर आधारित निमोनिया पखवाड़े शुक्रवार से शुरू हो गया है। जो कि 29 फरवरी 2023 तक जनपद मुख्यालय एवं समस्त ब्लॉकों में वृह्द रूप से जागरूकता अभियान के तहत चलाया जायेगा। फिजिशियन डॉ नवीन सेमवाल ने बताया कि निमोनिया एक गंभीर बीमारी है जिससे देश में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का ये सबसे बड़ा कारण है। इसलिए घरेलू उपचार में व्यर्थ का समय बरबाद न करके निमोनिया के लक्षण पहचान कर, बच्चे को तुरंत चिकित्सालय में उपचार हेतु लाना चाहिए। निमोनिया से बच्चे ही नही बल्कि 60 साल से ऊपर के व्यक्ति जो लीवर रोग, एड्स रोग या क्रोनिक बीमारियों से पीड़ित हैं, वह भी आसानी से निमोनिया के चपेट में आ जाते हैं। निमोनिया के सामान्य लक्षणों में खांसी और जुकाम का बढ़ना, बच्चे का तेजी से सांस लेना, तेज बुखार आना एवं गंभीर लक्षणों में खा-पी ना पाना, झटके आना एवं सुस्ती या अधिक नींद आना आदि हैं। कहा कि यदि किसी भी बच्चे को निमोनिया के लक्षण दिखाईं दे तो उसे तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सा इकाई में जाकर चिकित्सक से जांच करवानी चाहिए। इस मौके पर हरिशंकर नौटियाल, मनोज भट्ट, राकेश उनियाल, प्रमोद नौटियाल, गोपाल बिष्ट आदि थे।