जल जंगल, जमीन से मानव के रिश्ते को समझना होगा : डॉ. उनियाल

अल्मोड़ा

बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा बालसाहित्य संस्थान की ऑनलाइन कार्यक्रम परिचर्चा जारी है। संस्था के 132 वें परिचर्चा का विषय ‘पर्यावरण स्वच्छता के लिए मैं क्या करता हूं रखा गया था। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद देहरादून(यू कास्ट) के वैज्ञानिक संयुक्त निदेशक डॉ. डीपी उनियाल ने इसमें बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। उन्होंने कहा कि हमें जल,जंगल जमीन एवं मानव के रिश्ते को समझना होगा। आखिर प्रकृति भी एक विज्ञान है। परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए उपनिदेशक शिक्षा आकाश सारस्वत ने कहा कि प्रकृति हमेशा मानव के उपकार की सोचती है। लेकिन हम दिखावे के लिए वृक्षारोपण कर अपने कर्तब्य की इतिश्री कर लेते हैं। संरक्षक श्याम पलट पांडेय ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की। प्रतिभागी बच्चों ने अपनी बात रखते हुए पर्यावरण की स्वच्छता के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। परिचर्चा में चित्रांषी, प्रांजलि, मीतू, आयुष, रूचिर, शिवांशी अनन्या, स्नेही, सुवर्णा, वीरवर्धन,गार्गी, सुदिति,श्रीमन,सृजन, प्रांशु,रक्षिता, शीतल, एकाग्रता व मानसी आदि ने अपने विचार रखे। अध्यक्ष मंडल में शामिल अक्षत गौड़(रूदप्रयाग),जयवर्धन सिराड़ी(अल्मोड़ा), जिज्ञासा जोशी(सोमेश्वर),देवरक्षिता नेगी(चौखुटिया),अक्षता(गंगोलीहाट) ने अध्यक्षीय भाषण के साथ अपनी प्रस्तुति दी। संचालन कुर्माचंल अकेडमी अल्मोड़ा की कक्षा 11 की छात्रा अक्षरा भट्ट ने किया। उदय किरौला के अलावा मप्र के डॉ.अशोककुमार नेगी, गुडग़ांव से वैद्यनाथ झा, देहरादून से डॉ. कुसुम नैथानी(देहरादून), रुद्रप्रयाग से गीता नौटियाल(रूदप्रयाग), दिल्ली से देवसिंह राना, हरिद्वार से पूरनचंद्र पांडे आदि ने ऑनलाइन बच्चों के विचार सुने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *