अंतिम चरण में डिम्ट्स की सभी 2990 बसों में और डीटीसी की सभी 3760 बसों में होगा इस ऐप का ट्रायल
नई दिल्ली……
कॉन्टैक्टलेस ई-टिकटिंग ऐप श्चार्टरश् के परीक्षण के अंतिम चरण की शुरुआत सोमवार से दिल्ली एकीकृत मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (क्प्डज्ै) लिमिटेड की सभी 2990 बसों में हो जाएगी। ब्व्टप्क् महामारी को विशेष रूप से मद्देनजर रखते हुए, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा अगस्त 2020 में संपर्क रहित ई-टिकटिंग सेवाओं की शुरुआत की गई थी। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने इस ट्रायल के अंतिम चरण के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है। इस अंतिम चरण के परीक्षण में क्प्डज्ै बसों के सभी मार्ग शामिल होंगे। फरवरी के अंतिम सप्ताह में, सभी 3760 डीटीसी बसों में इस ऐप के परीक्षण को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया था। यह ट्रायल परिवहन मंत्री द्वारा गठित एक विशेष टास्कफोर्स द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा जिसमे परिवहन विभाग, दिल्ली परिवहन निगम (क्ज्ब्) , दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (क्प्डज्ै), इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (प्प्प्ज्-क्) और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट (ॅत्प्) के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस मोबाइल ई-टिकटिंग ऐप को आईआईआईटी-दिल्ली के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है। क्प्डज्ै द्वारा ई-टिकटिंग पिछले साल अगस्त में रूट नंबर 473 की बसों में शुरू की गई थी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से ट्रायल में शामिल डिम्ट्स के बसों की संख्या 550 हो गई। वहीँ डीटीसी में, इस ऑनलाइन टिकटिंग ऐप का परीक्षण पिछले साल सितंबर में गाजीपुर और हसनपुर डिपो में रूट 534 पर शुरू किया गया था। दोनों डिपो से कुल 35 बसों में इसकी शुरुआत हुई थी। इन डिपो में सफलता के बाद, चरणबद्ध तरीके से डीटीसी के सभी डिपो में ई-टिकटिंग को बढ़ावा दिया गया। वर्तमान में, ई-टिकटिंग सेवा का परिक्षण डीटीसी की सभी बसों में 31 मार्च तक किया जा रहा। इस पूरे परिक्षण के दौरान लगातार सर्वे भी किया जा है ताकि यात्रियों को इस ऐप के इस्तेमाल में यदि किसी प्रकार की कठिनाई आती है तो उसे दूर किया जा सके। इस श्चार्टरश् ऐप के जरिये रोजाना कुल 10,000 टिकट बुक किये जा रहे हैं। अगर देखा जाए तो ,पिछले 10 दिनों में इस ऐप के माध्यम से बुक होने वाले टिकट की संख्या प्रतिदिन 10ः के हिसाब से बढ़ी है। इस ऐप के माध्यम से दैनिक आधार पर बुक किए जाने वाले कुल टिकटों का प्रतिशत 1.5ः है, जो कुछ मार्गों पर 6ः तक बढ़ गया है। बुक किए गए कुल टिकटों में से 67ः पिंक पास हैं। इस ऐप में ट्रायल के बाद के चरण में दैनिक पास बुक करने की सुविधा को भी जोड़ा गया। ऐप के इस्तेमाल से अबतक लगभग 4 लाख टिकट बुक किया जा चूका है। प्प्प्ज्-क्मसीप के सहयोग से परिवहन विभाग ने सभी डिपो प्रबंधकों और लगभग 50 डिपो के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। जिसके बाद इन प्रशिक्षित कर्मचारियों ने कंडक्टरों को प्रशिक्षित किया है। चूँकि इस पूरे सिस्टम में कंडक्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें इस बारे में प्रशिक्षण दिया जाना महत्वपूर्ण हो जाता है जिससे की यात्रियों को टिकट बुकिंग में किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, आईआईआईटी-दिल्ली की टीम ने प्रशिक्षकों और कंडक्टरों को किसी भी प्रकार की कठिनाई आने पर उसका तुरंत समाधान सुनिश्चित किया। श्चार्टरश् ऐप के ट्रायल के आरंभ के तुरंत बाद से ही इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। रिलीज होने के बाद से अबतक 2 लाख से ज्यादा लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं। ऐप हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं को सपोर्ट करता है जिससे इसका इस्तेमाल और भी आसान हो जाता है। यात्री, बस में चढ़ने के बाद इस मोबाइल ऐप के माध्यम से ई-टिकट ले सकते हैं। गूगल प्लेस्टोर पर यह एप अब फुल वर्जन में उपलब्ध है। यात्री चाहें तो ऐप न्त्स् प्राप्त करने के लिए व्हाट्सएप नंबर 9910096264 पर श्श्भ्पश्श् लिख कर भी भेज सकतें हैं । इस एप में एक उपयोगकर्ता बस के सभी स्टॉपेज को भी देख सकता है और स्टॉप का नाम लिखकर यह भी देख सकता है की अगले आधे घंटे में कौन-कौन सी बसें आने वालीं हैं । बस में यात्रा के दौरान यात्रा के अपेक्षित समय को रियल टाइम में अपडेट किया जाता है। और जैसे ही यात्री अपने गंतव्य पर पहुंचता है, वैसे ही टिकट अमान्य हो जाता है। यदि कोई उपयोगकर्ता टिकट का किराया जानता है, तो वह ऐप में ष्ठल् थ्।त्म्ष् पर क्लिक कर सकता है और बस का क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद भुगतान विकल्प के द्वारा भुगतान कर टिकट खरीद सकता है। यदि कोई उपयोगकर्ता रूट , सोर्स और गंतव्य को जानता है, तो वह ष्बाय डेस्टिनेशनष् पर क्लिक कर सकता है। बस रूट और स्रोत स्टॉप का चयन करने के बाद , गंतव्य स्टॉप का चयन करना पड़ता है , फिर बस क्यूआर कोड को स्कैन कर के भुगतान करने के बाद टिकट प्राप्त किया जा सकता है। एक उपयोगकर्ता एक यात्रा के लिए 3 टिकट तक खरीद सकता है। ऐप स्वचालित रूप से उपयोगकर्ता द्वारा दर्ज किए गए लिंग के आधार पर महिला यात्री के लिए गुलाबी टिकट (निःशुल्क) का सुझाव देता है। इस ऐप के जरिये निकट भविष्य में और अधिक सुविधाएँ जैसे की मासिक पास खरीदने का विकल्प, टिकटों की प्री-बुकिंग यानि बस में चढ़ने से पहले टिकट बुक करना, पोस्टपेड टिकटिंग आदि भी शामिल किए जाने पर विचार किया जा रहा है।