पछुवादून की दो कवियत्रियों को ‘काव्य श्री सम्मान से नवाजा

 

विकासनगर

साहित्यिक संस्था बुलंदी जज्बात ए कलम की ओर से आयोजित सबसे बड़े वर्चुअल काव्य सम्मेलन में प्रतिभाग कर चुकी पछुवादून की दो कवियत्रियों को संस्था की ओर से ‘काव्य श्री सम्मान से नवाजा गया है। कवियत्रियों को सम्मान मिलने पर पछुवादून के साहित्यकारों और जन प्रतिनिधियों ने खुशी जाहिर की है। बुलंदी जज्बात ए कलम संस्था की ओर से गत जुलाई माह में विश्व का सबसे बड़ा वर्चुअल काव्य सम्मेलन आयोजित किया गया था। लगातार 207 घंटे तक चले इस काव्य सम्मेलन में पछुवादून की नीलम शर्मा और सरस्वती उनियाल ने भी प्रतिभाग किया। शर्मा ने ‘चाहे मत पूछो मुझे, चाहे मत देवी सा मान दो, मैं भी इंसान हूं बस इतना जान लो, मत बांधों में मुझे किसी एक रूप में, पानी सा बह कोई रूप लेने दो, मत आवाज दो मुझे पीछे से, मुझे मेरे हिस्से का आसमान छू लेने दो… कविता के माध्यम से नारी के मनोभावों का वर्णन किया था। जबकि उनियाल ने ‘कलम की ताकत का अंदाजा, अब लगा ले ऐ जमाने, सिर्फ श्रृंगार ही नहीं लिखती, गाती है ये वीरता के तराने… कविता का पाठ किया था। दोनों ही कवियत्रियों को उनकी उत्कृष्ठ रचनाओं के लिए संस्था की ओर से काव्य श्री के सम्मान से नवाजा गया है। उन्हें यह सम्मान ऑनलाइन दिया गया। सम्मान मिलने पर पछुवादून के रंगकर्मी और साहित्यकार पुष्पेंद्र त्यागी, हेमचंद्र सकलानी, राजीव बडोनी, विधायक मुन्ना चौहान, नगर पालिका अध्यक्ष शांति जुवांठा, ब्लॉक प्रमुख जसविंदर सिंह आदि ने खुशी जाहिर करते हुए इसे पछुवादून के काव्य जगत के लिए सम्मान बताया।

 

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