महिलाओं ने पुत्रों के सुख समृद्धि के लिए रखा जीवित्पुत्रिका व्रत।

राजापाकड़/कुशीनगर।
बुधवार के दिन महिलाओं ने जीवित्पुत्रिका व्रत पुत्रों के दीर्घायु होने के साथ संतान की सुरक्षा उनके सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखा। जीवित्पुत्रिका व्रत हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है। जीवित्पुत्रिका व्रत या जिउतिया व्रत आज बुधवार को पड़ा । इसे कुछ स्थानों पर जितिया व्रत या जिउतिया व्रत भी कहते हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत को माताएं अपने पुत्रों के दीर्घायु होने, संतान की सुरक्षा और उनके सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस व्रत में गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन की पूजा की जाती है और इन्हीं के नाम पर इस व्रत का नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया। दुदही विकास खण्ड के ग्राम मठिया भोकरिया, पृथ्वीपुर, दुमही, बंगरा, धर्मपुर, मंझरिया आदि क्षेत्र की महिलाओं ने भी जीवित्पुत्रिका व्रत रख कर अपने पुत्र के दिर्घायु की कामना की स्नान दान के बाद बरियार से भेट कर पुत्र की यशकीर्ति के लिए वर भी मांगी। जीवित्पुत्रिका व्रत में पारण किए बिना व्रत पूरा नहीं होता है और उसका संपूर्ण फल भी प्राप्त नहीं होता जीवित्पुत्रिका व्रत बुधवार देर शाम व्रतियों के कथा सुनने के साथ ही सम्पन्न हुआ।

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