रूपाला ने गुजरात में सरस्वती विद्या मंदिर के नवनिर्मित भवन का किया उद्धाटन
नई दिल्ली ।
गुजरात के सुरेंद्र नगर में चोटिला के पास गांव नवा के वाडी वसाहट में इंडियन फैमिली एसोसिएशन कनाडा और उर्मी सरोज चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित सरस्वती विद्या मंदिर के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन समारोह रविवार 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक आयोजित होगा।
माधव प्रियदासजी स्वामी की गरिमामयी उपस्थिति में इस विद्यालय के कक्ष भाई रमेश ओझा द्वारा सौंपे जाएंगे और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला इस दौरान मुख्य अतिथि होंगे।
इस कार्यक्रम में सांसद रामभाई मोकरिया और सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नितिन पेठानी भी शामिल होंगे।
जीवन में बदलाव लाने वाले अनुभवों के माध्यम से सुविधाओं से वंचित लोगों की सेवा करने का इरादा, मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए किसी व्यक्ति या संगठन की परोपकारी इच्छा और प्रयास है जो परोपकार की भावना पैदा करता है।
ऐसी ही एक सफलता की कहानी सबसे पिछड़े वाडी समुदाय के छात्रों के लिए विद्यालय की व्यवस्था करने की है। स्कूल के लोकार्पण के पीछे की कहानी दिलचस्प है क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया परोपकार का कार्य है, जिसने दलित समुदाय के कल्याण के लिए अपनी कमाई समर्पित करी है।
मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है को मानने वाले त्रिवेदी ने उर्मी सरोज चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना, संस्थापक जगदीश त्रिवेदी ने वर्ष 2016 में की थी। उन्होंने अपना शेष जीवन समुदाय की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है और सेवानिवृत्ति के बाद 11 करोड़ रुपये (1.47 मिलियन डॉलर) दान करने की सार्वजनिक प्रतिबद्धता की है। सोशल ऑडिट के लिए उपलब्ध अपने एक प्रकाशन में उन्होंने अपनी कमाई और दान के काम में किए गए योगदान की सार्वजनिक घोषणा भी की है।
स्कूल को सौंपना वास्तव में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा प्रेरित है, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने में प्रेरक भूमिका निभाई कि वाडी समुदाय के बच्चों को भी समाज के अन्य बच्चों की तरह शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचा मिल सके।
विदित है कि कुछ वर्ष पूर्व नवा गांव में आयोजित एक समारोह में केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला था कि वाडी समुदाय के बच्चों को बुनियादी शिक्षा की सुविधा उपलब्ध हो। उन्होंने सुझाव दिया था कि, यह पहल गुजरात में एक उदाहरण स्थापित करेगी क्योंकि इसका उद्देश्य ग्रामीण-शहरी विभाजन के बीच की अतंर को कम करना है।
इस पहल के तहत उर्मी सरोज चैरिटेबल ट्रस्ट के जगदीश भाई ने तुरंत स्कूल के लिए दो कमरे बनवाए थे।
वाडी वसाहट में सरस्वती विद्या मंदिर सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास का एक सच्चा उदाहरण स्थापित करेगा।
माधव प्रियदासजी स्वामी की गरिमामयी उपस्थिति में इस विद्यालय के कक्ष भाई रमेश ओझा द्वारा सौंपे जाएंगे और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला इस दौरान मुख्य अतिथि होंगे।
इस कार्यक्रम में सांसद रामभाई मोकरिया और सौराष्ट्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नितिन पेठानी भी शामिल होंगे।
जीवन में बदलाव लाने वाले अनुभवों के माध्यम से सुविधाओं से वंचित लोगों की सेवा करने का इरादा, मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए किसी व्यक्ति या संगठन की परोपकारी इच्छा और प्रयास है जो परोपकार की भावना पैदा करता है।
ऐसी ही एक सफलता की कहानी सबसे पिछड़े वाडी समुदाय के छात्रों के लिए विद्यालय की व्यवस्था करने की है। स्कूल के लोकार्पण के पीछे की कहानी दिलचस्प है क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया परोपकार का कार्य है, जिसने दलित समुदाय के कल्याण के लिए अपनी कमाई समर्पित करी है।
मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है को मानने वाले त्रिवेदी ने उर्मी सरोज चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना, संस्थापक जगदीश त्रिवेदी ने वर्ष 2016 में की थी। उन्होंने अपना शेष जीवन समुदाय की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है और सेवानिवृत्ति के बाद 11 करोड़ रुपये (1.47 मिलियन डॉलर) दान करने की सार्वजनिक प्रतिबद्धता की है। सोशल ऑडिट के लिए उपलब्ध अपने एक प्रकाशन में उन्होंने अपनी कमाई और दान के काम में किए गए योगदान की सार्वजनिक घोषणा भी की है।
स्कूल को सौंपना वास्तव में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा प्रेरित है, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने में प्रेरक भूमिका निभाई कि वाडी समुदाय के बच्चों को भी समाज के अन्य बच्चों की तरह शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचा मिल सके।
विदित है कि कुछ वर्ष पूर्व नवा गांव में आयोजित एक समारोह में केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला था कि वाडी समुदाय के बच्चों को बुनियादी शिक्षा की सुविधा उपलब्ध हो। उन्होंने सुझाव दिया था कि, यह पहल गुजरात में एक उदाहरण स्थापित करेगी क्योंकि इसका उद्देश्य ग्रामीण-शहरी विभाजन के बीच की अतंर को कम करना है।
इस पहल के तहत उर्मी सरोज चैरिटेबल ट्रस्ट के जगदीश भाई ने तुरंत स्कूल के लिए दो कमरे बनवाए थे।
वाडी वसाहट में सरस्वती विद्या मंदिर सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास का एक सच्चा उदाहरण स्थापित करेगा।