5 दिन बाद खुले बैंकों में उमड़ी भीड़

रुड़की।  लगातार पांच दिनों तक बंद रहने के बाद गुरुवार को सारे बैंक खुल गए। बैंक शाखाओं में लेनदेन शुरू करने से भी करीब आधा घंटा पहले बैंकों के बाहर ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी। भीड़ में कोरोना से बचाव को देखते हुए बैंक कर्मचारियों ने ग्राहकों को एक दूसरे से दूर खड़ा किया और बारी बारी से सबके काम निपटाए।
इस बार 12 फरवरी को महीने का दूसरा शनिवार होने के कारण बैंक बंद थे। 13 फरवरी में रविवार की छुट्टी रही तो 14 फरवरी को कर्मचारियों की ड्यूटी मतदान में लगा दिए जाने के कारण बैंक नहीं खुल सके। मतदान ड्यूटी के बदले अगले दिन मंगलवार 15 फरवरी को भी बैंकों में अवकाश रहा। बुधवार 16 फरवरी के दिन रविदास जयंती की गजटेड छुट्टी की वजह से बैंक बंद रहे। लगातार पांच दिन तक बंद रहने के बाद गुरुवार को बैंक खुले और नकदी का लेनदेन शुरू हुआ। उधर, कई दिनों से बैंक खुलने की बाट जोह रहे ग्राहक नकदी का लेनदेन शुरू होने के आधा घंटा पहले ही बड़ी तादाद में बैंक के बाहर जमा हो गए। इससे गुरुवार को सुबह से शाम तक सभी बैंकों में काफी भीड़ रही। भीड़ से कोरोना के प्रसार की संभवना को देखते हुए बैंक कर्मचारियों ने सभी ग्राहकों के हाथ सेनिटाइज कराने के बाद उन्हें एक दूसरे से दूरी बनाकर खड़ा किया और फिर टोकन के हिसाब से बारी बारी करके उनके काम निपटाए। उपभोक्ता संजीव कुमार, ललित चौधरी और मुकेश कुमार ने बताया कि बंदी में जिन्हें कैश की जरुरत थी, उन्होंने तो एटीएम या दुकानों पर लगी पीओएस मशीन में कार्ड स्वैप कर काम चला लिया। परंतु बहुत से कारोबारियों को रोजाना की बिक्री करने से मिला कैश अलग-अलग बैंक शाखाओं के अपने करंट एकाउंट में जमा करना होता है। ऐसे कारोबारियों को बैंक बंदी के दौरान नकदी के रखरखाव में परेशानी झेलनी पड़ी है।

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