कैदी ने चोरी-छुपे नमकीन के पैकेट में मंगवाई चरस – पुलिस ने सूंघ कर लगा लिया नशीली चीज का पता
नोएडा
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में नशे के सौदागरों ने जेल में चरस को पहुंचाने के लिए नया तरीका अपनाया. पुलिस ने नमकीन के पैकेट में से चरस पकड़ी है. जिला कारागार लुक्सर में बंद एक कैदी ने बड़ी चतुराई से ये चरस मंगवाई, लेकिन उसकी ये चालाकी पुलिस के सामने धरी की धरी रह गई।
गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में नशीले पदार्थों की तस्करी का हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. जेल में अधिकारियों ने सोमवार को अचानक चेकिंग अभियान चलाया. जांच के दौरान पता चला कि नमकीन के पैकेट के अंदर चरस छुपाकर जेल में सप्लाई की जा रही थी।
पुलिस ने लगभग 450 ग्राम चरस बरामद की है. इस मामले में थाना इकोटेक वन में एफआईआर दर्ज करवाई गई है. ये मामला रविवार का बताया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले चेकिंग के दौरान जिला जेल की बैरक में बने टॉयलेट से मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।
जेल में बंद कैदी के सामान की जांच की जा रही थी. उसी दौरान बंदी के सामने की नमकीन के पैकेट की जांच की गई तो उसमें नमकीन के साथ-साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में नशीला पदार्थ चरस बरामद हुआ. जांच करने के दौरान पुलिस ने उन पदार्थों को सूंघा तो उनको वो नशीला पदार्थ लगा. मामले में बंदी और चरस भेजने वाले के खिलाफ ईकोटेक वन थाने में मामला दर्ज कराया गया है. जेल प्रशासन ने करीब 455 ग्राम चरस बरामद की. इन नमूनों को प्रयोगशाला जांच के लिए भेज दिया गया।
विचाराधीन बंदी अनिल के नाम पर मंगल सिंह ने मुलाकात घर में रविवार को सामान जमा कराया था.सोमवार को बंदी के सामने जब सामान लेने के लिए बुलाया गया तो पारदर्शी पॉलिथीन को देखकर कर्मचारियों को शक हुआ. जब पूछताछ हुई तो अनिल ने कहा कि यह सामान उसका नहीं है उसके नाम से साथी बंदी मनीष गुप्ता ने सामान मंगाया है. मनीष ने बताया कि पूर्व बंदी मंगल से उसने सामान मंगाया है।
जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद ने बताया कि कैदी मनीष गुप्ता अभी नार्कोटिक्स के एक मामले में ही जेल में बंद है. जांच में पता चला है कि उसने होली के त्योहार पर जेल में चरस बेचने के लिए मंगाई थी. मामला सामने आने के बाद जांच और सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस ने मनीष गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।