लाभार्थी वर्ग से दिखा बड़ा लाभ भाजपा पूरे देश के लिए बना रही चुनावी प्लान

लखनऊ

उत्तर प्रदेश समेत 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद भाजपा को लाभार्थी वर्ग से उम्मीदें बढ़ गई हैं। खासतौर पर यूपी से आए चुनाव नतीजों को लेकर पार्टी हाईकमान का मानना है कि केंद्रीय योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों ने चुपचाप भाजपा को बड़ी संख्या में वोट दिया है, जो नतीजे के तौर पर दिखा है। ऐसे में भाजपा इसे पूरे देश में ही एक चुनावी रणनीति के तौर पर लागू करने की कोशिश में है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने सोशल वेलफेयर स्कीमों का देश भर में आक्रामक प्रचार करने का फैसला लिया है। सरका का मानना है कि लाभार्थी एक ऐसा वर्ग है, जो महिला, आदिवासी, दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यों को मिलकर तैयार होता है। इसके अलावा अगड़ी जातियों की भी बड़ी संख्या में इसमें समाहित हो जाती है। ऐसे में भाजपा इस लाभार्थी वर्ग को अपनी सबसे बड़ी चुनावी संभावना के तौर पर देख रही है। रिपोर्ट के मुताबिक पीएमओ ने सभी संबंधित मंत्रालयों से डेटा मांगा है कि कितनी सोशल स्कीम चल रही हैं, उनका कितने लोगों को फायदा मिला है और इसके लिए अब तक कितना बजट आवंटित हो चुका है। केंद्र सरकार की योजना यह है कि इसका देश भर में प्रचार किया जाए। इसके अलावा सरकार ने उन सभी योजनाओं के बारे में भी प्लान मांगा है, जिन्हें लॉन्च करने की योजना है। पीएम आवास योजना, खाद्यान्न योजना, शौचालय, उज्ज्वला योजना और बिजली की आपूर्ति जैसे मुद्दों को वह लगातार उठा रहे थे। माना जा रहा है कि बेरोजगारी, महंगाई और जातीय गोलबंदी जैसी तमाम कोशिशों की काट भाजपा ने इसी लाभार्थी वर्ग के बूते की है। दरअसल उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ की ऐसी आबादी है, जिसे बीते सालों में मुफ्त राशन समेत तमाम योजनाओं का लाभ मिला है। ऐसे में उनके एक हिस्से ने भी यदि भाजपा को वोट दिया है तो उसे बड़ा फायदा मिल गया। इसके अलावा 18 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने वोट किया है, जिसे भाजपा अपने पक्ष में मान रही है।

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