“स्थाई मौन पालन से युवा आजीविका में सुधार” विषय पर हुई संगोष्ठी

कोटद्वार। पीजी कॉलेज में “स्थाई मौन पालन से युवा आजीविका में सुधार” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि मधुमक्खी पालन एक कुटीर उद्योग है, जिसमें कम लागत और अधिक मुनाफा कमाने के अवसर मौजूद हैं। मुख्यमंत्री नवाचार योजना के तहत आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक उत्तराखंड सरकार डा़ रतन कुमार, प्राचार्य प्रो़ जानकी पंवार, जिला उद्यान अधिकारी पंकज रतूड़ी, शिवाली नेचुरल प्रोडक्ट्स के सीईओ एएस कैंतूरा सहित अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागत गीत और सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया गया। परियोजना की नोडल अधिकारी डा़ सुनीता नेगी ने योजना के उद्देश्यों के विषय में प्रकाश डालते हुए फरवरी माह से परियोजना के अंतर्गत संचालित सभी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्य वक्ता शिवाली नेचुरल प्रोडक्ट्स के सीईओ एएस कैंतूरा ने मधुमक्खी पालन के लाभ और संपूर्ण प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया। मुख्य अतिथि डा़ रतन कुमार ने महाविद्यालय में संचालित मधुमक्खी पालन कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। प्रशिक्षणार्थियों द्वारा लघु नाटिका के माध्यम से मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी का जीवन काल और उससे युवाओं को मिलने वाले रोजगार पर प्रकाश डाला। इस मौके पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में कशिश रावत ने प्रथम, अंजली ने द्वितीय एवं निखत अंसारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रो़ एम डी कुशवाहा, प्रो़ सीमा चौधरी, डा़ महंथ मौर्य, डा़ एस आर कटियार, डा़ अभिषेक गोयल, डा़ स्वाति नेगी, डा़ प्रीति रानी, डा़ अमित जायसवाल आदि मौजूद रहे।

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