आयुर्वेद विवि में अब नया विवाद, लैब में डंप पड़ी 50 लाख की मशीनों पर टकराव

देहरादून। आयुर्वेद विवि में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। विवि में शासन स्तर पर अनियमितताओं, धांधलियों की जांच कराई जा रही है। वहीं कुलपति की जांच रिटायर्ड जज से कराई जा रही है। अब यहां पर छह माह से डंप पड़ी करीब 50 लाख रुपये की मशीनों को लेकर टकराव हो गया है। प्रभारी कुलसचिव ने जहां एक असिस्टेंट प्रोफेसर को नोटिस दिया। जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर ने भी प्रभारी कुलसचिव पर आरोप लगा परिसर निदेशक से शिकायत की है।
प्रभारी कुलसचिव डा. राजेश अधाना ने एक जुलाई को परिसर में बॉयोमेडिकल संकाय मुख्य परिसर में शोध कार्य के लिए आई आरटीपीसीआर, टेसू कल्चर, सेल लाइन वर्क आदि करीब 50 लाख रुपये की मशीनों का निरीक्षण करने गए थे। उक्त कक्ष में डा. रूप श्री नाथ द्वारा अवैध तरीके से ताला लगाने का आरोप है। कर्मचारी अमन कुमार के मोबाइल से उनसे बात की गई। उन्होंने चाबियां देने से मना कर दिया और अभद्र व्यवहार किया गया। उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर डा. नाथ को नोटिस देकर छह माह से ताला लगाए जाने , उसकी वजह से प्रोजेक्ट लंबित होने, किसके आदेश पर ताला लगाने संबंधी नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। उधर, असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रूप श्री नाथ ने परिसर निदेशक और विभागाध्यक्ष को शिकायत की है जिसमें उन्होंने कहा कि वह बीएनवाईएस की लिखित परीक्षा में थी। आरोप है कि प्रभारी कुलसचिव का उन्हें फोन आया और उनसे चाबियां मांगी, उन्हें विभागाध्यक्ष या परिसर निदेशक से वार्ता करने को कहा। आरोप है कि उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और कॅरियर बर्बाद करने की बात कही। उसके बाद देखा कि ताला तोड़ दिया गया है और कुछ सामान गायब है। व्हाट्सएप पर एक नोटिस भेज दिया गया।
छह माह से शोध कार्य प्रभावित हो रहा था, इसके संबंध में मशीनों को लेकर एक कर्मचारी के फोन से बात की थी। अभद्रता जैसी कोई बात नहीं है। ताला नहीं तोड़ा गया है। नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है। पहले ताला लगे होने की जानकारी मिली थी, बाद में वहां ताला लगा नहीं मिला। कई कर्मचारी वहां पर थे, उन्हीं से बात की गई है। मशीनों को क्रियाशील किया जा रहा है।

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