पुरानी पेंशन बहाली को शिक्षक, कर्मचारी शुरु करेंगे निर्णायक आंदोलन

विकासनगर। विधान सभा के बजट सत्र के दौरान पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे पर चर्चा नहीं किए जाने से कर्मचारियों में खासी नाराजगी है। कर्मचारियों ने नई रणनीति तैयार करते हुए निर्णायक आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (एनएमओपीएस) के पदाधिकारियों की शुक्रवार को हुई बैठक में प्रदेश सरकार के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की गई। एनएमओपीएस के प्रांतीय संयुक्त मंत्री पुष्कर राज बहुगुणा ने कहा कि विधान सभा सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष की ओर से इस पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। जबकि सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने विधायकों के वेतन में भारी भरकम वृद्धि की है। जाहिर है वेतन के अनुसार ही जन प्रतिनिधियों की पेंशन भी निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधायिका से जुड़े लोगों के वेतन और पेंशन में वृद्धि करने से सरकार पर कोई आर्थिक भार नहीं पड़ रहा है, जबकि पुरानी पेंशन बहाल करने को सरकार वित्तीय भार कहकर टाल रही है। उन्होंने कहा कि विधान सभा सत्र के दौरान जब देहरादून और भराड़ीसैण में शिक्षक, कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया तो कांग्रेस ने परंपरा निभाने के लिए शून्य काल में इस आशय का प्रश्न रखा। इसका जवाब देते हुए सरकार की ओर से बताया कि पुरानी पेंशन बहाली पर केंद्र सरकार के निर्देश लागू किए जाएंगे। इससे जाहिर है प्रदेश सरकार शिक्षक, कर्मचारियों के हित में काम करना नहीं चाहती है। कहा कि कई प्रांतों में पुरानी पेंशन लागू की जा रही है। उत्तराखंड सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैए से नाराज शिक्षक, कर्मचारियों ने निर्णायक आंदोलन शुरू करने की रणनीति बनाई है। इस दौरान प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, मुकेश रतूड़ी, शांतनु शर्मा, जगमोहन रावत, कीर्ति भट्ट आदि मौजूद रहे।
एक अप्रैल को निकालेंगे संवैधानिक मार्च
एनएमओपीएस के प्रांतीय संयुक्त मंत्री बहुगुणा ने कहा कि प्रदेश सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैए के खिलाफ सभी शिक्षक, कर्मचारी एक अप्रैल को पेंशन संवैधानिक मार्च निकालेंगे। एक जून को पेंशन बहाली रथ यात्रा निकाली जाएगी। एक अगस्त को सांसद, विधायकों के आवास पर घंटी बजाओ कार्यक्रम और एक अक्टूबर को नई दिल्ली में पेंशनर शंखनाद रैली निकाली जाएगी।

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