कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी जैसे बुनियादी उद्योग दे रहे अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत

नई दिल्ली  ।

देश की अर्थव्यवस्था कोरोना संकट से धीरे-धीरे उबरती हुई दिख रही है। इस्पात, बिजली और सीमेंट समेत बुनियादी उद्योग के आंकड़े अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत दे रहे हैं। बुनियादी उद्योगों की बदौलत औद्योगिक सूचकांक (आईआईपी) ने भी रफ्तार पकड़ी है। ऐसे में आने वाले समय में देश में रोजगार के अवसर बढऩे, कारोबार में तेजी और सरकार का राजस्व बढऩे से अर्थव्यवस्था के और तेज होने की उम्मीद है।
क्या है बुनियादी उद्योग
आठ बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली को शामिल किया जाता है। बुनियादी उद्योग का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27 प्रतिशत भारांश है।
उद्योग भारांश (प्रतिशत में)
कोयला 10.33
कच्चा तेल 8.98
प्राकृतिक गैस 6.88
पेट्रोलियम 28.04
उर्वरक 2.63
इस्पात 17.92
सीमेंट 5.37
बिजली 19.85
इसमें तेजी के क्या हैं मायने
आठ बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में अगस्त महीने में सालाना आधार पर 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जबकि जुलाई में आईआईपी में 11.5 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी। जून से लेकर अगस्त तक लगातार तीन माह से बुनियादी उद्योग में तेजी जारी है। इसमें तेजी आने पर आईआईपी में भी वृद्धि होती है। इससे अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। सरकार के राजस्व में इजाफा होता है।
आम उपभोक्ता से क्या है संबंध
बुनियादी उद्योग में बिजली, उर्वरक, सीमेंट और इस्पात भी शामिल हैं। इनमें तेजी का मतलब विनिर्माण, रियल एस्टेट और कृषि में वृद्धि है। साथ ही इनका संबंध आम उपभोक्ता से है। इनमें तेजी आने का मतलब है कि इनकी मांग और खपत बढ़ी है। इससे उपभोक्ता की खरीद क्षमता का भी पता चलता है। यही वजह है कि बुनियादी उद्योग में तेजी आने पर इन उद्योगों का ही विकास नहीं होता बल्कि रोजगार के नए अवसर भी बनते हैं।
आईआईपी पर कैसे होता है असर
आईआईपी मुख्यत: विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिनिधत्व करती है और समग्र रूप में औद्योगिक गतिविधियों का संकेतक भी है। आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र का 77.63 फीसदी, खनन का 14.37 फीसदी और बिजली का 7.99 फीसदी भारांश है। यह मानक भी वित्त वर्ष 2012 के आधार पर है। यानी विनिर्माण में तेजी आती है तो आईआईपी में वृद्धि होना तय है। वहीं आईआईपी में तेजी आने पर यह पता चलता है विनिर्माण की गति तेज है। विनिर्माण देश में सीधे तौर पर सबसे अधिक रोजगार देने वाला क्षेत्र है। ऐसे में आईआईपी रोजगार, औद्यौगिक रफ्तार और अर्थव्यवस्था में तेजी का संकेत भी देती है।

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