आग में जले अन्नदाताओं के सपने, कई एकड़ में कटाई के लिए तैयार खड़ी गेहूं की फसल खाक
इटौंजा
एक तरफ जहां कोरोना काल में किसानों ने अपने खेतों में तैयार खड़ी गेंहू की फसलों को लेकर जो सपने संजोकर रखे थे, कि खेतों से कटाई कराकर वह अपनी उपज घर लाएगा, उसे बेचेगा। उससे खाद, बीज, कीटनाशक आदि कर्ज चुकाएगा। लेकिन बुधवार की दोपहर को बीकेटी तहसील क्षेत्र के थाना इटौंजा के अंतर्गत सिरसा कमालपुर गांव व नरोसा गांवों में आधा दर्जन से अधिक अन्नदाताओं के यह सपने जलकर खाक हो गए।इटौंजा क्षेत्र के इन दोनों गांवों में तेज हवाओं के चलते हुए बिजली के शार्ट सर्किट से अचानक लगी आग से खेत में खड़ी गेहूं की लगभग 13 बीघा गेहूं की फसल किसान के सामने जलकर राख में तब्दील हो गई। इस आगजनी में किसानों को लाखों रुपए की क्षति बताई जा रही है।इन गांवों में लगी आग की घटना की सूचना पर दमकल की गाड़ियां लगभग एक घण्टे बाद मौके पर पहुंची तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका था।ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद दमकल की गाड़ियों के पहुंचने से पहले ही आग पर काबू पा लिया था।
मालूम हो कि बीकेटी तहसील क्षेत्र के इटौंजा थानांतर्गत सिरसा कमालपुर गांव में बुधवार को दोपहर में तेज हवाओं के कारण अचानक बिजली के तारों से हुए शार्ट सर्किट से शत्रोहन के गेहूं की फसल में आग लग गई। देखते-देखते यह आग आधा दर्जन से अधिक किसानों के खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी गेहूं की फसल में फैल गई। बिजली के तारों से निकली चिंगारी से शत्रोहन के 5 बीघा गेहूं, बृजरानी 4 बीघा, मुन्नू सिंह 2 बीघा, विमल सिंह 2 बीघा, राजू सिंह 1 बीघा तथा कमल सिंह की दो बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई।इसी क्रम में इटौंजा क्षेत्र के नरोसा गांव में भी श्यामलाल व सियाराम की गेहूं की कई बीघा फसल भी बिजली के शार्ट सर्किट से आग लगने से जलकर राख हो गई।वहीं किसानों ने उपजिलाधिकारी से मांग की है, कि उन्हें खेतों में अचानक लगी आग से बर्बाद हुई गेहूं की फसल का मुआवजा दिलाया जाय।