लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह हुए सेवानिवृत्त -40 साल के शानदार कैरियर में उत्कृष्ट रहा योगदान

लखनऊ

मध्य कमान के जनरल आॅफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह घुमन सेना में 40 साल के शानदार कैरियर के बाद बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए । वह अपनी सेवा के दौरान सामरिक परिचालन और रणनीतिक स्तरों पर सैन्य मामलों के व्यापक अनुभव के साथ एक कमांडर और एक सच्चे लीडर रहे ।राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के एक पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह ने जून 1981 में ब्रिगेड आॅफ गॉर्ड्स में कमीशन प्राप्त किया था। अपने शानदार सैन्य करियर के दौरान जनरल आॅफिसर ने मुश्किल इलाकों के विभिन्न परिचालन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कमान, स्टाफ और निदेर्शात्मक नियुक्तियों के रूप में महत्वपूर्ण रोल निभाया। उन्होंने रेगिस्तानी क्षेत्र में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल बटालियन और हाई एल्टीट्यूड एरिया में माउंटेन ब्रिगेड की कमान संभाली। लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह ने रेगिस्तान में एक रेपिड इन्फैंट्री डिवीजन और पश्चिमी थिएटर में स्ट्राइक कोर की सफलतापूर्वक कमान संभाली।  सिंह ने अमेरिका में रणनीतिक अध्ययन के लिए नॉर्थ ईस्ट साउथ एशिया सेंटर में काउंटर टेररिजम कोर्स में भाग लिया और अंगोला (अफ्रीका) में संयुक्त राष्ट्र मिशन  में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा करने का अनुभव प्राप्त है। वह 01 अगस्त 2019 से ब्रिगेड आॅफ गार्ड्स के कर्नल आॅफ द रेजिमेंट भी थे।लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह ने 01 अक्टूबर 2019 को मध्य कमान की कमान संभाली। आर्मी कमांडर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विशेष रूप से पूरे कमांड थियेटर में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही साथ कमांड के परिचालन प्रभाव को बढ़ाते हुए उन्होंने सभी रैंक और उनके परिवारों के जीवन स्तर के सुधार पर विशेष जोर दिया।सेना और वायु सेना के बीच संयुक्त कौशल प्राप्त करने में लेफ्टिनेंट जनरल इकरूप सिंह का योगदान उत्कृष्ट रहा है। वह विशेष रूप से विभिन्न मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के दौरान नागरिक और सैन्य कामकाज के समन्वय को बेहतर बनाया।

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