जर्जर झूला पुल की सुध लो सरकार

नई टिहरी। देवप्रयाग में टिहरी पौड़ी जिले को जोड़ने वाले अलकनंदा झूला पुल के जर्जर होने के बाद भी सरकार इसकी सुध नहीं ले रही है। इसको लेकर लोनिवि की ओर से बीते मार्च में पैदल आवाजाही को लेकर चेतावनी बोर्ड भी लगा दिया गया था।नगर पालिका देवप्रयाग के अंतर्गत आने वाले अलकनंदा झूला पुल से प्रतिदिन छह सौ से अधिक स्कूली छात्र छात्राओं का आवागमन होता है। साथ ही पौडी जिले के करीब 35 गांवों लोगो की आवाजाही होती है। पुल निर्माण को लेकर नगरवासी लगातार आंदोलनरत है। बीते 4 जुलाई को तहसील दिवस में डीएम टिहरी के सामने यह मुद्दा रखा गया था। जबकि 5 सितंबर को डीएम पौड़ी के सामने भी यह मामला रखा गया था। जिसमे उन्होंने पुल निर्माण को लेकर लोनिवि की ओर से डीपीआर तैयार कर शीघ्र टेंडर किये जाने की बात कही गयी थी। मगर इसमें अभी तक कोई कार्रवाई सामने नहीं आई है। जर्जर होते अलकनंदा झूला पुल के बजाय सरकार का थोड़ी दूर स्थित टोडेश्वर में 7 करोड़ 74 लाख के दो पैदल पुलो के निर्माण पर ही जोर है। जिससे क्षेत्रवासियों मे खासा रोष बना हुआ है। लोगो के अनुसार गुजरात के मोरबी में हुए झूला पुल हादसे से सरकार सबक लेकर जर्जर अलकनंदा झूला का जल्दी ही निर्माण शुरू करेगी।

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